बस इतनी सी उम्र में...पिता को मगरमच्छ से बचाया, दूसरा ऑपरेशन सिंदूर में सैनिकों का ढाल बन गया, इन बच्चों की कहानियां कर देंगी चकित

वीर बाल दिवस 2025 के अवसर पर विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से 20 बच्चों को सम्मानित किया. ये बच्चे साहस, खेल, विज्ञान, कला और सामाजिक सेवा में असाधारण योगदान के लिए देश का भविष्य मजबूत कर रहे हैं.

वीर बाल दिवस 2025 के अवसर पर विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से 20 बच्चों को सम्मानित किया. ये बच्चे साहस, खेल, विज्ञान, कला और सामाजिक सेवा में असाधारण योगदान के लिए देश का भविष्य मजबूत कर रहे हैं.

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Ravi Prashant
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Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar

वीर बाल दिवस 2025 Photograph: (X/Presidentofindia)

किसी भी देश का भविष्य उसकी आने वाली पीढ़ी पर टिका होता है. अगर नई पीढ़ी साहसी, स्मार्ट और शार्प हो तो देश का भविष्य भी उज्ज्वल होता है. वीर बाल दिवस 2025 पर भारत ने ऐसे ही साहसी और प्रतिभाशाली बच्चों को सलाम किया, जिन्होंने कम उम्र में बड़े साहस और असाधारण क्षमताओं का परिचय दिया है.

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शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से 20 बच्चों को सम्मानित किया. यह पल सिर्फ पुरस्कार वितरण का नहीं, बल्कि भारत के उज्ज्वल कल की झलक था. इस वर्ष 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से चयनित बच्चों को यह सम्मान मिला, जिनमें दो बच्चों को मरणोपरांत पुरस्कार दिया गया.

मरणोपरांत सम्मान के साहसी उदाहरण

तमिलनाडु की 8 वर्षीय व्योमा प्रिया और बिहार के 11 वर्षीय कमलेश कुमार को मरणोपरांत सम्मान दिया गया. व्योमा प्रिया ने पार्क में खेलते समय टूटे विद्युत तार की चपेट में आ रहे एक 6 साल के बच्चे की जान बचाई, लेकिन खुद करंट की चपेट में आकर जान गंवा दी. उनकी मां अर्चना शिवराम कृष्ण ने मंच पर पुरस्कार ग्रहण किया.

वहीं बिहार के कैमूर जिले के कमलेश कुमार ने दुर्गावती नदी में बहते एक बच्चे को बचाने की कोशिश में अपनी जान गंवा दी. दिल्ली में आयोजित समारोह में उनके पिता दुखी शाह ने यह सम्मान लिया. दोनों बच्चों की बहादुरी पूरे देश के लिए प्रेरणा बन गई.

Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar (1)
वीर बाल दिवस 2025 Photograph: (X/Presidentofindia)

साहस, विज्ञान और खेल में चमके नन्हे सितारे

आगरा के 9 वर्षीय अजय राज को साहस श्रेणी में पुरस्कार मिला. उन्होंने लकड़ी से हमला कर अपने पिता को मगरमच्छ की पकड़ से बचाया था. उनकी बहादुरी ने सभी को हैरान कर दिया.

महाराष्ट्र के 17 वर्षीय अर्णव महर्षि को साइंस और टेक्नोलॉजी कैटेगरी में सम्मानित किया गया. उन्हें यह पुरस्कार उनके इनोवेशन, विशेष रूप से एक एआई सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के लिए मिला, जिसे भारत सरकार ने पेटेंट और कॉपीराइट प्रदान किया है.

14 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी को खेल श्रेणी में सम्मान मिला. उन्होंने अंडर-19 वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा छक्के लगाए, लिस्ट-ए क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक जड़ा और पाकिस्तान के जहूर इलाकी का 39 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा.

Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar (2)
वीर बाल दिवस 2025 Photograph: (X/presidentofindia)

कला, संस्कृति और सामाजिक सेवा में योगदान

मिजोरम की 9 वर्षीय एस्तेर लालदुहावमी हनामते को कला और संस्कृति के लिए पुरस्कार मिला. उनके गाए गीत की गृह मंत्री अमित शाह ने सराहना की और उन्हें गिटार भेंट किया. हनामते एक यूट्यूब स्टार हैं और उनके 20 मिलियन फॉलोअर्स हैं. उनके पिता पेशे से लोहार हैं.

पंजाब के फिरोजपुर के 10 वर्षीय श्रवण को सामाजिक सेवा श्रेणी में सम्मानित किया गया. ऑपरेशन सिंदूरू के दौरान उन्होंने सेना को दूध, चाय, छाछ और बर्फ उपलब्ध कराई. श्रवण ने कहा कि उन्होंने कभी पुरस्कार की उम्मीद नहीं की थी, वे सिर्फ सैनिकों की सेवा करना चाहते थे.

चयन प्रक्रिया क्या है? 

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 5 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को दिया जाता है. इसका चयन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है. पुरस्कार सात श्रेणियों में प्रदान किए जाते हैं, जिनमें कला एवं संस्कृति, बहादुरी, इनोवेशन, शैक्षणिक उपलब्धि, सामाजिक सेवा, खेल और साइंस एवं टेक्नोलॉजी शामिल हैं.

वीर बाल दिवस 2025 ने यह साबित कर दिया कि भारत की नई पीढ़ी साहस, सेवा और प्रतिभा के रास्ते पर मजबूती से आगे बढ़ रही है.

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