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VB-G RAM G Bill
VB-G RAM G: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार (21 दिसंबर) को विकसित भारत- रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) गारंटी बिल 2025 यानी ‘वीबी-जी राम जी’ को मंजूरी दे दी है. राष्ट्रपति की स्वीकृति के साथ ही यह विधेयक अब कानून बन गया है. इससे पहले यह बिल संसद के लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों से पारित हो चुका था. सरकार इस कानून को 1 अप्रैल 2026 से पूरे देश में लागू करने की तैयारी कर रही है.
मनरेगा की जगह लेगा ये कानून
आपको बता दें कि यह नया कानून करीब 20 साल पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लेगा. सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब ग्रामीण परिवारों को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन की बजाय 125 दिन का वैधानिक मजदूरी रोजगार देने की गारंटी होगी. सरकार का कहना है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आय सुरक्षा और रोजगार के अवसर मजबूत होंगे.
"Unable to digest...": BJP MP Anurag Thakur slams Congress for opposing VB-G RAM G law
— ANI Digital (@ani_digital) December 21, 2025
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नए कानून का उद्देश्य
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, यह कानून ‘विकसित भारत 2047’ के विजन के अनुरूप तैयार किया गया है. इसका उद्देश्य केवल रोजगार देना ही नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में टिकाऊ और उपयोगी परिसंपत्तियों का निर्माण करना भी है. इससे गांवों में समावेशी और संतुलित विकास को बढ़ावा मिलेगा.
नए कानून के तहत सरकार की जिम्मेदारी होगी कि इच्छुक ग्रामीण परिवारों को कम से कम 125 दिन का काम उपलब्ध कराया जाए. मजदूरी का भुगतान साप्ताहिक आधार पर या अधिकतम 15 दिनों के भीतर करना अनिवार्य होगा. यदि तय समय पर भुगतान नहीं हुआ, तो मजदूरों को देरी का मुआवजा भी दिया जाएगा.
विपक्ष ने इस कानून का किया विरोध
हालांकि, संसद में इस विधेयक को लेकर विपक्ष ने कड़ा विरोध किया. विपक्ष का आरोप था कि मनरेगा की जगह नया कानून लाकर महात्मा गांधी का नाम हटाया जा रहा है. इस पर ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने गांधीजी के आदर्शों की अनदेखी की, जबकि मौजूदा सरकार उन्हें आगे बढ़ा रही है.
सरकार का कहना है कि ‘जी राम जी’ कानून से ग्रामीण रोजगार, आजीविका, कृषि उत्पादकता और स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही यह कानून पर्यावरण संरक्षण, श्रमिक सुरक्षा और योजनाओं के बेहतर समन्वय पर भी जोर देता है, जिससे ग्रामीण भारत को नई मजबूती मिलेगी.
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