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मनरेगा के तहत मजदूरी करती महिलाएं (प्रतिकात्मक फोटो) Photograph: (google)
What is new in VB-G RAM G Bill replacing MGNREGA: ग्रामीण भारत की रीढ़ मानी जाने वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) अब इतिहास बनने की कगार पर है. दरअसल, केंद्र सरकार विकसित भारत के 2047 विजन के अनुरूप एक नया विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही है. सोमवार को लोकसभा में सांसदों को इस प्रस्तावित बिल की कॉपी बांटी गई है.
जानकारी के अनुसार इस नए बिल के बाद MGNREGA को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा. मीडिया रिपोट्स के अनुसार नए कानून का नाम 'विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)' विधेयक, 2025 (VB-G RAM G) है. जिसे विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय नजरिए के मुताबिक तैयार किया गया है.
ये नया बिल ग्रामीण परिवारों को 125 दिनों की मजदूरी गारंटी देगा? क्या यह बदलाव ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगा या चुनौतियां बढ़ाएगा? आइए इस खबर में हम नए कानून की बारीकियों, पुराने से अंतर, और संभावित फायदे-नुकसान पर गहराई से नजर डालते हैं.
MGNREGA to be reframed as Viksit Bharat G RAM G bill, guarantees 125 days of work
— ANI Digital (@ani_digital) December 15, 2025
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MGNREGA क्या है, इसके तहत अभी कितने दिन रोजगार गारंटी का है प्रावधान?
MGNREGA तकरीबन 20 साल पुरानी योजना है. 2005 में इसकी शुरुआत की गई थी. जिससे ग्रामीण भारत में लाखों परिवारों को आजीविका मिली. इसकी मुख्य विशेषता हर ग्रामीण परिवार को सालाना कम से कम 100 दिनों का अकुशल मजदूरी रोजगार मुहैया करवाना है. योजना में काम की मांग के आधार पर बजट रहता है जो जरूरत पड़ने पर बढ़ाया जा सकता था. योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा मजदूरी का पूरा खर्च उठाया जाता है. जबकि राज्य सरकार सामग्री और प्रशासनिक खर्च देती है. इस योजना की खास बात है कि इसके तहत मजदूरों को 15 दिनों के अंदर मजदूरी भुगतान करना होता है और इसमें देरी होने पर 0.05% प्रतिदिन का जुर्माने का प्रावधान है.
MGNREGA से क्या फायदा हुआ और अब इसमें बदलाव क्यों किया जा रहा है?
जानकारी के अनुसार इस योजना से सरकारों को बेरोजगारी से लड़ने का रास्ता मिला. ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे जैसे सड़कें, तालाब, वनरोपण को बढ़ाया जा सका. नीति निर्धारकों के अनुसार बदलते ग्रामीण परिदृश्य जैसे बेहतर कनेक्टिविटी, डिजिटल पहुंच और विविध रोजगार विकल्प ने सरकार को इसे अपग्रेड करने के लिए प्रेरित किया है. नया VB-G RAM G बिल ग्रमीण रोजगार में क्रांति लाने के उद्देश्य से लाया जा रहा है. इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्तिकरण, विकास, एकीकरण और संतृप्ति देना होगा.
Govt to bring new bill-
— Prashant Umrao (@ippatel) December 15, 2025
MNREGA to be called Viksit Bharat G RAM G Bill. pic.twitter.com/VZUrbr6Wr1
VB-G RAM G बिल MGNREGA से कितना अलग है?
नया VB-G RAM G बिल पुराने MGNREGA से काफी अलग है. दरअसल, ये नया बिल पुरानी योजना को आधुनिक बनाता है और कई बदलाव के साथ आया है. जानकारी के अनुसार VB-G RAM G में रोजगार गारंटी बढ़कर 125 दिन हो गई है. यह परिवारों की आय बढ़ाने में मदद करेगा. इसके अलावा MGNREGA में मजदूरी का पूरा खर्च केंद्र उठाता था. राज्य सामग्री और एडमिन खर्च देते थे. लेकिन VB-G RAM G में केंद्र और राज्य मिलकर खर्च करेंगे. बताया जा रहा है कि नए प्रावधानों के तहत सामान्य राज्यों में 60:40 अनुपात जबकि उत्तर-पूर्व और हिमालयी राज्यों में 90:10 अनुपात रहेगा. VB-G RAM G बिल ग्रामीण भारत को मजबूत बनाने की दिशा में कदम है. इसके बाद काम के दिन बढ़ने और फोकस्ड प्रोजेक्ट्स से लॉन्ग-टर्म फायदा होने की उम्मीद है. लेकिन इसके बाद राज्यों पर बोझ और फिक्स्ड बजट से कुछ जगहों पर काम की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है.
विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)' विधेयक से क्या फायदा होगा? ( VB-G RAM G Bill benefits for rural India)
-हर ग्रामीण परिवार को वित्तीय वर्ष में 125 दिनों का मजदूरी रोजगार. यह पुराने 100 दिनों से 25% ज्यादा है.
-उत्तर-पूर्वी, हिमालयी राज्यों और कुछ केंद्रशासित प्रदेशों के लिए 90:10 का अनुपात से केंद्र और राज्य साझेदारी.
-कृषि के चरम काल (बुआई और कटाई) में 60 दिनों तक योजना को रोकने का विकल्प.
-मजदूरी साप्ताहिक या अधिकतम 15 दिनों में.
-प्राइवेट कंपनियों को कृषि क्षेत्र में भागीदारी की अनुमति जो विविध रोजगार सृजन को बढ़ावा देगी.
-साप्ताहिक वेतन से नकदी प्रवाह सुधरेगा जो छोटे व्यवसाय शुरू करने में मददगार होगी.
-पीक सीजन पॉज से खेती मजबूत होगी और प्राइवेट भागीदारी से नई नौकरियां (जैसे एग्री-टेक) पैदा होंगी.
-विकसित भारत विजन से जुड़कर योजना जलवायु-अनुकूल परियोजनाओं (जैसे सोलर इरिगेशन) पर शिफ्ट हो सकती है जो सतत रोजगार देगी.
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