‘भारत से भारतीय संस्कृति काफी हद तक छीनी गई…ये कहना है एरिक गार्सेटी का. गार्सेटी अमेरिका के भारत में पदस्थ राजदूत हैं. उन्होंने हाल ही में अमेरिका और भारत के संबंधों पक बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध बहुत घनिष्ठ हैं, जिसका आधार दोनों देशों की जनता है. हालांकि, गार्सेटी ने ट्रंप प्रशासन की आव्रजन नीति पर चिंता जाहिर की.
गार्सेटी ने सोमवार को कार्यक्रम में कहा कि आप भूतकाल को जाने बिना भविष्ठ नहीं रच पाएंगे. अमेरिका मानता है कि भारत से उसकी संस्कृति यानी भारत से भारतीय संस्कृति छिनी गई है. कुछ मामलो में तो भारत से चोरी किया गया है.
वीजाओं का वेटिंग टाइम घटाया
गार्सेटी ने आगे कहा कि 2024 में लगातार दूसरे साल 10 लाख से अधिक भारतीयों को गैर-आव्रजक वीजा जारी किए गए हैं. फर्स्ट टाइम वीजा को छोड़कर सभी वीजाओं का वेटिंग टाइम कर दिया गया है. नफरत करने वालों को गलत साबित करने की जरुरत है. इसलिए दोनों देशों के लोगों के बीच के संबंध को और मजबूत करना होगा.
नफरतियों को मुंह तोड़ जवाब देना होगा
गार्सेटी ने कहा कि भविष्य में क्या होगा, मैं नहीं जानता. लेकिन मैं अपने अमेरिकी साथियों से कहूंगा कि आप अधिक संख्या में जितने भारतीयों से संपर्क बनाएंगे, उतना अच्छा होगा. अमेरिका और भारत के बीच आर्थिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान से रिश्तें मजबूत हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि नफरत करने वालों को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए हमें ट्वीट नहीं बल्कि मिलना होगा. हमें प्रदर्शन नहीं निवेश करना होगा. हमे आपत्ति नहीं कनेक्ट करना होगा.
गार्सेटी ने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरे पदभार संभालने के बाद से उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका जाने वाले विदेशी छात्रों में भारत शीर्ष पर आ गया है.
कल्चरल प्रॉपर्टी एग्रीमेंट की सराहना
गार्सेटी ने यूएस-इंडिया कल्चरल प्रॉपर्टी एग्रीमेंट की भी सराहना की. उन्होंने सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए अमेरिकी प्रतिबद्धता को दोहराया. गार्सेटी ने कहा कि ऐसे समझौते सांस्कृति संपत्ति के अवैध व्यापार को रोकते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे एग्रीमेंट की वजह से चुराई और लूटी गई वस्तुओं को मूल देश में वापस भेजने में मदद मिलती है. अमेरिका ने 2016 से 578 अमूल्य सांस्कृतिक कलाकृतियों भारत वापस भेजने में मदद की.