Yusuf Pathan: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके स्थित 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर दी, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे. इस स्ट्राइक से पाकिस्तान बौखला गया और उसने भारत पर मिसाइल और ड्रोन से हमला कर दिया, जिसका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया.
भारत की जवाबी कार्रवाई के चलते पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए और उसके बाद सीजफायर का ऐलान किया गया. अब सरकार ने पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए देशभर से संसदीय दलों को भेजने का फैसला किया है. जिसमें पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी के सांसद युसुफ पठान को भी शामिल किया गया, लेकिन वह डेलिगेशन का हिस्सा नहीं होंगे.
ऑलपार्टी डेलिगेशन के साथ नहीं जाएंगे युसुफ पठान
तृणमूल कांग्रेस के सांसद यूसुफ पठान को केंद्र सरकार ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के लिए सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया था, लेकिन अब खबर आ रही है कि वह इस पहल में हिस्सा नहीं लेंगे. पार्टी सूत्रों के अनुसार, सरकार ने तृणमूल कांग्रेस से बातचीत किए बिना ही उनका नाम शामिल कर लिया, हालांकि सरकार ने सीधे सांसद से संपर्क किया था. क्रिकेटर से राजनेता बने युसुफ पठान ने बताया कि वह प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए उपलब्ध नहीं होंगे.
सूत्रों ने बताया कि ममता बनर्जी की पार्टी ने ये फैसला इस आधार पर लिया है कि विदेश नीति केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आती है और केंद्र सरकार को इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
विदेश नीति भारत सरकार का है मामला
त्रिणमूल कॉन्ग्रेस ने विदेश नीति को लेकर केंद्र सरकार पर निराशा साधा है. युसुफ पठान की ओर से ऑलइंडिया डेलिगेशन से नाम वापस लेने के बाद TMC ने कहा कि विदेश नीति भारत सरकार का मामला है.
तृणमूल के एक नेता ने एक जानी-मानी समाचार एजेंसी से कहा, "हमारा मानना है कि देश सर्वोपरी है और हम अपने महान देश की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक कार्रवाई करनी होगी, उसके लिए केंद्र सरकार को पूरा सपोर्ट देने का वचन देते हैं. हमारे सशस्त्र बलों ने हमारे देश को गौरवान्वित किया है और हम उनके सदैव ऋणी रहेंगे. विदेश नीति पूरी तरह से केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है. इसलिए, केवल केंद्र सरकार ही हमारी विदेश नीति तय करे और इसकी पूरी जिम्मेदारी ले."
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