केंद्र सरकार ने कुछ केंद्रीय कर्मियों को तोहफा दिया है. दरअसल, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और असम राइफल्स (AR) में काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों को सरकार रिटायरमेंट वाले दिन एक अतिरिक्त प्रमोशन देगी. हालांकि उनके लिए सिर्फ ये एक मानद रैंक होगी, जो सिर्फ एक स्तर पर ही होगी. यानी ये मानद रैंक सेवानिवृत होने वाले कर्मचारी की रैंक से ठीक एक स्तर ऊपर होगी. इस संबंध में गृह मंत्रालय ने 30 मई को एक अधिसूचना जारी की थी. जिसमें कहा गया था कि, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय कांस्टेबल से सब-इंस्पेक्टर के पद से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों के आत्म-सम्मान, गौरव और मनोबल को बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है.'
मानद उपाधि के साथ नहीं मिलेगी ये सुविधा
मोदी सरकार इस योजना के तहत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और असम राइफल्स में अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मियों यानी कॉन्स्टेबल से सब-इंस्पेक्टर तक को उनकी लंबी और सराहनीय सेवा के बाद रिटायरमेंट होने पर उनकी सेवा के अंतिम दिन एक स्तर ऊपर की मानद रैंक प्रदान करेगी. हालांकि इस मानद रैंक के साथ उन्हें किसी प्रकार की वित्तीय या पेंशन लाभ नहीं दिया जाएगा. ये सिर्फ एक प्रतीकात्मक उपाधि होगी. केंद्र की इस योजना का मकसद उन सेवानिवृत्त जवानों और जूनियर अधिकारियों के गौरव, मनोबल और आत्म-सम्मान को बढ़ाना है, जिन्होंने पूरे समर्पण और ईमानदारी के साथ देश की सेवा की है.
किन कर्मचारियों को मिलेगा इसका लाभ
मोदी सरकार की इस योजना के हत अधिकारी रैंक से नीचे के कर्मियों को लाभ मिलेगा. यानी सीएपीएफ में कांस्टेबल से लेकर सब-इंस्पेक्टर रैंक तक और असम राइफल्स में राइफलमैन से लेकर नायब सूबेदार रैंक तक के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनकी रैंक से ऊपर एक और रैंक मिलेगी. जो रैंक दिया जाएगा वह सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों के समान सेवा श्रेणी में होना चाहिए.
ये हैं पात्रता की शर्तें
हालांकि इस मानद उपाधि को पाने के लिए उन्हें कुछ शर्तों भी पूरी करनी होंगी. जिन कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय मानद उपाधि से नवाजा जाएगा. उनको सभी पदोन्नति मानदंडों को पूरा करना होगा. इसके लिए उनका एक साफ सेवा रिकॉर्ड होना जरूरी है. जिसके तहत पिछले पांच वर्षों के के दौरान उनका वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट कम से कम "अच्छा" रहा हो. इसके अलावा उन्हें पिछले पांच वर्षों में कोई बड़ी सजा नहीं मिली हो. साथ ही ईमानदारी संदेह से परे होनी चाहिए. विभागीय जांच और सतर्कता (डीई/सतर्कता) से अंतिम अनुमोदन की आवश्यकता है. इसके अतिरिक्त, मानद रैंक केवल कमांडिंग अधिकारी की सिफारिश पर ही दी जाएगी. जो सेवानिवृत्ति के दिन से प्रभावी होगी.
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