मुंबई हमले का मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा इस समय राष्ट्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में है. उसने पूछताछ में 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में सहयोगी होने और पाकिस्तानी सेना के 'खास एजेंट' के रूप में अपनी अहम भूमिका की बात को कबूला है. कनाडाई नागरिक और पाकिस्तानी सेना के पूर्व कैप्टन तहव्वुर राणा को मुंबई हमलों में उसकी भूमिका के लिए 10 अप्रैल को भारत में प्रत्यर्पित किया था. वह इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद है. उससे एनआईए और मुंबई क्राइम ब्रांच दोनों पूछताछ कर रही हैं.
राणा ने बताया, उसे LeT से प्रशिक्षण मिला. तहव्वुर राणा ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उसने और उसके बचपन के दोस्त डेविड कोलमैन हेडली ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के साथ कई प्रशिक्षण सत्र लिए. उसने दावा किया कि LeT मुख्य रूप से खुफिया जानकारी जुटाने वाले संगठन के रूप में काम करता था. राणा ने यह भी स्वीकार किया कि वह 26/11 हमलों के दौरान मुंबई में मौजूद था.
कई स्थलों को निशाना बनाया
26 नवंबर 2008 को हुए घातक मुंबई हमले में तहव्वुर हुसैन राणा का नाम सामने आया था. इसमें दस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में कई हमले किए. इसके कारण 166 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें देश के नागरिकों के साथ विदेशी नागरिक और सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे. करीब 60 घंटे की घेराबंदी के दौरान आतंकवादियों ने ताज होटल, ओबेरॉय होटल, यहूदी केंद्र और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस समेत शहर भर के कई स्थलों को निशाना बनाया. राणा ने जांचकर्ताओं को बताया, "उसने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जैसी जगहों का निरीक्षण किया और माना कि 26/11 के हमले पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के सहयोग से किए गए थे. 64 वर्षीय राणा ने आगे दावा किया कि पहले खलीज (खाड़ी) युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना के निर्देश पर उन्हें सऊदी अरब भी भेजा गया था.
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