भारतीय सेना का T-72 टैंक अब और ताकतवर होने वाला है. रक्षा मंत्रालय ने रूस के साथ बड़ा सौदा किया है. रूस की रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के साथ 248 मिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया गया है. इस डील के तहत भारतीय सेना के पास मौजूद T-72 टैंकों में 1000 HP के नए इंजन लगेंगे. T-72 टैंक युद्ध का बड़ा हिस्सा है. इसमें 780 HP का इंजन लगा है. इसे 1000 HP इंजन से बदला जाएगा. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इससे भारतीय सेना की ताकत में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी.
ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी शामिल
इस डील में ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी (ToT) का मामला है. इसमें रूस का निगम लिमिटेड (हैवी व्हीकल फैक्ट्री) चेन्नई को इस इंजन की तकनीक को ट्रांसफर करने वाला है. इसका निर्माण भारत में भी संभव होगा.
रक्षा उत्पादन में छुआ नया मुकाम
भारत ने 2023-24 में 1.27 लाख करोड़ रुपये का रक्षा उत्पादन किया था. यह 2014-15 के मुकाबले 174 प्रतिशत ज्यादा है. अब रक्षा उत्पादन मात्र 46,429 करोड़ रुपये है. सरकार का उद्देश्य 2029 तक इसे 3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना है.
डिफेंस एक्सपोर्ट में भी बड़ा उछाल
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल में बताया था कि भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 2023-24 में 21,000 करोड़ रुपये हो चुका है. यह 10 साल पहले मात्र 600 करोड़ रुपये पर ही था. सरकार का लक्ष्य 2029-30 तक 50,000 करोड़ रुपये हासिल करना है.
1980 के दशक से अवाडी फैक्ट्री में किया जा रहा उत्पादन
टी-72 पुराने टैंक हैं. इनका निर्माण 1980 के दशक से अवाडी फैक्ट्री में किया जा रहा है. भारत इस समय 2,400 से अधिक टी-72 और 1,200 टी-90 टैंकों के साथ कुछ स्वदेशी अर्जुन मुख्य युद्धक टैंकों का संचालन करता है. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सरकार ने एशिया और अफ्रीका के बाजारों में टी-72 टैंकों का निर्यात करने की योजना बनाई. लेकिन निर्यात करने से पहले उन्हें ओवरहाल किया जाएगा.
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