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इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट Photograph: (ANI)
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार को हुई तकनीकी खराबी की वजह से सैकड़ों उड़ानें प्रभावित हुईं. लेकिन एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स के संगठन ATC गिल्ड ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि यह घटना पहले ही रोकी जा सकती थी, अगर समय रहते चेतावनी पर ध्यान दिया गया होता.
खामियों के बारे में पहले दी गई थी जानकारी
गिल्ड के अनुसार, दिल्ली एयरपोर्ट पर तैनात एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स ने जुलाई 2025 में ही एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) को सिस्टम की खामियों और अपग्रेड की जरूरत के बारे में बताया था. लेकिन उनकी चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया गया.
समय समय पर अपग्रेडेशन जरुरी
गिल्ड ने यह भी खुलासा किया कि 8 जुलाई को सांसदों को लिखे पत्र में उन्होंने अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर हादसे (जिसमें 260 लोगों की मौत हुई थी) का ज़िक्र करते हुए चेताया था कि नेविगेशन सेवाओं में इस्तेमाल होने वाले ऑटोमेशन सिस्टम की समय-समय पर समीक्षा और अपग्रेड अनिवार्य है.
इंटरनेशनल लेवल टाइप होना चाहिए सुविधा
गिल्ड का कहना है कि भारत की एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम को अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुरूप बनाना चाहिए. जैसे यूरोप का Eurocontrol और अमेरिका की Federal Aviation Administration (FAA). इन देशों के एयर ट्रैफिक सिस्टम में आधुनिक तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित थ्रेट आइडेंटिफिकेशन, और रियल-टाइम डेटा शेयरिंग की सुविधा होती है. गिल्ड ने आरोप लगाया कि उन्होंने ये मुद्दे बार-बार AAI के सामने रखे, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
800 उड़ानों पर पड़ा असर
शुक्रवार को दिल्ली एयरपोर्ट पर ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) में आई तकनीकी गड़बड़ी की वजह से एयर ट्रैफिक कंट्रोल सर्वर ठप हो गया. इससे उड़ानों की प्लानिंग और संदेशों के आदान-प्रदान में विलंब हुआ, जिसका असर लगभग 800 उड़ानों पर पड़ा. कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में देरी और रद्द हुआ. यहां तक कि इसका प्रभाव कुछ विदेशी उड़ानों की शेड्यूलिंग पर भी पड़ा.
यात्रियों से किया गया अपील
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने दोपहर तक स्थिति सामान्य होने की पुष्टि की और यात्रियों से अपील की कि वे अपनी एयरलाइनों से ताजा उड़ान अपडेट लेते रहें. सुबह DIAL ने बयान जारी कर कहा था कि तकनीकी समस्या धीरे-धीरे सुधर रही है.
दिल्ली एयरपोर्ट, जहां चार रनवे हैं और रोजाना 1,500 से अधिक उड़ानों का संचालन होता है, देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा माना जाता है. AAI ने बाद में बताया कि AMSS सिस्टम में आई तकनीकी गड़बड़ी को ठीक कर लिया गया है, और उड़ान योजना संदेशों की प्रोसेसिंग अब सामान्य रूप से चल रही है.
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