India-Nepal Border: पहलगाम आतंकी हमले और ऑरपरेशन सिंदूर के बाद घाटी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. किसी भी संदिग्ध घटना को गंभीरता से लिया जा रहा है और उसके खिलाफ तत्काल एक्शन लिया जा रहा है. ऐसा ही एक मामला भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से सामने आया है. जहां संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों की खुफिया जानकारी मिलने के बाद दोनों देशों ने संयुक्त तलाशी अभियान चलाया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत और नेपाल ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संयुक्त सर्च अभियान चलाया. दरअसल, इलाके में पड़ोसी देश में संदिग्ध आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में जानकारी मिली थी.
नो-मैन्स लैंड के घने जंगलों में चलाया सर्च ऑपरेशन
इस सूचना के बाद भारत के सशस्त्र सीमा बल (SSB) और नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल (APF) ने दोनों देशों के बीच नो-मैन्स लैंड के घने जंगलों में संयुक्त तलाशी अभियान चलाया. बता दें कि भारत और नेपाल 1,700 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करते हैं. एसएसबी कमांडेंट गंगा सिंह ने बताया कि, "संयुक्त गश्त के दौरान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नेपाल के जवान हमारे साथ हैं. नेपाली सेना के साथ हमारे बहुत अच्छे संबंध हैं. हर महीने दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों की समन्वय बैठकें होती हैं. वे अपनी खुफिया जानकारी हमारे साथ साझा कर रहे हैं और हम अपनी जानकारी उनके साथ साझा कर रहे हैं ताकि संदिग्धों की पहचान की जा सके."
गोपालगंज में अक्सर आते हैं पाकिस्तानी लोग
एसएसबी कमांडेंट गंगा सिंह ने आगे कहा कि, नेपालगंज क्षेत्र में एक मरकज (इस्लामिक संगठन) है, जहां विशेष कार्यक्रमों के लिए पाकिस्तानी लोग अक्सर आते हैं. उन्होंने कहा कि, "अगर कुछ गलत होता है, तो ये लोग हमें सूचित करते हैं." कमांडेंट ने कहा कि एसएसबी बल भी वॉच टावरों से नेपाल सीमा पर नज़र रख रहे हैं और अपनी इंसास तोपों के साथ किसी भी संकट से निपटने के लिए तैयार हैं.
नेपाल ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने के साथ ही नेपाली सरकार ने नई दिल्ली के साथ एकजुटता व्यक्त की. इस बीच नेपाल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में नेपाल सभी के साथ खड़ा है. अपने सैद्धांतिक रुख के अनुरूप, नेपाल किसी भी विरोधी ताकतों को अपने पड़ोसी देशों के खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा."
यह बयान नेपाली सांसदों की ओर से सरकार से आतंकवाद पर स्पष्ट रुख अपनाने की बढ़ती मांग के बाद आया है. बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकियों ने हमला किया था. जिसमें 26 लोग मारे गए थे. इनमें एक नेपाली नागरिकर भी शामिल था. इस आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया. जिसमें पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था. जिसमें 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे.
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