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नागा राजनीतिक मुद्दा अब भी अनसुलझा, जोर पकड़ने लगी है फ्रंटियर नागालैंड की मांग

नागा राजनीतिक मुद्दा अब भी अनसुलझा, जोर पकड़ने लगी है फ्रंटियर नागालैंड की मांग

Updated on: 30 Jul 2023, 04:35 PM

कोहिमा:

पड़ोसी राज्य मणिपुर में आदिवासी अपने लिए एक अलग प्रशासनिक इकाई की मांग कर रहे हैं तो वहीं दशकों पुराने अनसुलझे नागा राजनीतिक मुद्दे के बीच अलग फ्रंटियर नागालैंड की मांग भी जोर पकड़ने लगी है।

पूर्वी नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) छह जिलों की वर्षों से उपेक्षा का दावा करते हुए 2010 से एक अलग फ्रंटियर नागालैंड राज्य की मांग कर रहा है।

इन छह जिलों में पूर्वी नागालैंड की सात पिछड़ी जनजातियाँ - चांग, खिआमनियुंगन, कोन्याक, फोम, तिखिर, संगतम और यिमखिउंग - रहती हैं।

ईसाई बहुल नागालैंड की कुल 20 लाख की आबादी में से लगभग 87 प्रतिशत जनजातियाँ हैं। यहां 17 प्रमुख जनजातियों के साथ-साथ अन्य उप-जनजातियाँ भी निवास करती हैं, जिनमें से प्रत्येक का चरित्र रीति-रिवाजों, भाषा और पोशाक के मामले में एक दूसरे से भिन्न है।

पूर्वी नागालैंड के शीर्ष जनजातीय संगठन ईएनपीओ और कई अन्य संगठनों ने अपनी मांग पर जोर देने के लिए पिछले साल मेगा वार्षिक हॉर्नबिल उत्सव का बहिष्कार किया था।

ईएनपीओ और उससे जुड़े संगठनों ने अपनी अलग राज्य की मांग के समर्थन में 27 फरवरी के नागालैंड विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करने का आह्वान किया था, लेकिन बाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आश्वासन के बाद बहिष्कार का आह्वान वापस ले लिया।

शाह ने पहले भी इस मुद्दे पर कई बार ईएनपीओ नेताओं से मुलाकात की थी।

विधानसभा चुनाव से पहले गृह मंत्री ने कहा था कि ईएनपीओ के सभी मुद्दों पर चर्चा हो चुकी है और चुनाव के बाद एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जायेंगे।

हालाँकि, पाँच महीने से ज्‍यादा बीत जाने के बाद भी फ्रंटियर नागालैंड मुद्दा अभी भी अधर में लटका हुआ है।

अलग फ्रंटियर नागालैंड राज्य की लंबे समय से लंबित मांग के बीच, नागालैंड के छह पूर्वी जिलों के लिए एक स्वायत्त परिषद के गठन के केंद्र के प्रस्ताव पर एक परामर्श बैठक 30 जून को कोहिमा में आयोजित की गई थी।

नागालैंड सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि छह पूर्वी जिलों - तुएनसांग, मोन, लॉन्गलेंग, किफिरे, शामतोर और नोकलाक - के लिए एक स्वायत्त परिषद के लिए बैठक आयोजित की गई थी। हालाँकि, उन्‍होंने बैठक के नतीजे का खुलासा नहीं किया गया।

बैठक में नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, उपमुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, सभी मंत्री, राज्य के लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों के साथ मुख्य सचिव, कई विधायक और कई आदिवासी संगठनों के नेता उपस्थित थे।

ईएनपीओ की मांग पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में मंत्रालय के पूर्वोत्‍तर सलाहकार, ए.के. मिश्रा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति ने कई बार नागालैंड का दौरा किया और ईएनपीओ नेताओं सहित सभी संबंधित लोगों से बात की।

ईएनपीओ की अलग राज्य की मांग के संबंध में मुख्यमंत्री ने हाल ही में कहा था कि राज्य सरकार पहले ही राज्य के पूर्वी क्षेत्र के लोगों के लिए एक स्वायत्त क्षेत्र के गठन के लिए केंद्र से सिफारिश कर चुकी है।

रियो ने कहा कि राज्य सरकार नागा राजनीतिक मुद्दे को अपने एजेंडे में शीर्ष पर रखेगी।

उन्‍होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य नागालैंड को उत्कृष्ट राज्य की ओर ले जाना है, और नागरिकों को अपने चुने हुए क्षेत्रों और करियर में उत्कृष्टता हासिल करने का प्रयास करना चाहिए। ऐसा करते हुए ब्रांड नागालैंड को बढ़ावा देना चाहिए और नागा सॉफ्ट पावर को लोकप्रिय बनाना चाहिए।

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