/newsnation/media/media_files/2025/10/07/bihar-election-1-2025-10-07-19-16-48.jpg)
बिहार चुनाव 2025 Photograph: (ANI)
बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 का बिगुल बज चुका है. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर हलचल तेज हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी और जेडीयू के बीच 205 सीटों पर बराबरी का फॉर्मूला तैयार किया जा रहा है. दोनों दल लगभग समान संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं, जबकि बाकी 38 सीटें छोटे सहयोगी दलों के हिस्से में जाएंगी.
छोटे दलों के बीच सीटों का बंटवारा कैसे होगा?
मौजूदा जानकारी के मुताबिक, लोक जनशक्ति पार्टी (चिराग गुट) को 25 सीटें देने का प्रस्ताव है. हम (जितन राम मांझी) को 7 सीटें. रालोसपा (उपेंद्र कुशवाहा) को 6 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है.
हालांकि, चिराग पासवान अपनी पार्टी के नेताओं के लिए पसंदीदा सीटों की मांग कर रहे हैं, जिसके चलते बातचीत अभी जारी है. अगर एलजेपी को कुछ और सीटें दी जाती हैं, तो मांझी और कुशवाहा के हिस्से की सीटें घट सकती हैं. सूत्र बताते हैं कि अगर छोटे दलों की सीटें कम होती हैं, तो बीजेपी उनकी भरपाई राज्यसभा या विधान परिषद की सीटों के जरिए कर सकती है.
चुनाव की तारीख़ें और दो चरणों में मतदान
चुनाव आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीख़ों का ऐलान किया. पहला चरण का चुनाव 6 नवंबर और दूसरे चरण का 11 नवंबर होगा. वहीं रिजल्ट 14 नवंबर आएगा. 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है.
इस बार करीब 7.4 करोड़ मतदाता, जिनमें लगभग 14 लाख पहली बार वोट डालने वाले युवा शामिल हैं, लोकतंत्र के इस पर्व में हिस्सा लेंगे. पहले चरण में 121 सीटें, जो मुख्य रूप से मध्य बिहार और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हैं, पर मतदान होगा. दूसरे चरण में 122 सीटें, जो सीमा क्षेत्रों में स्थित हैं, पर वोट डाले जाएंगे.
किसकी किस्मत चमकेगी?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाला एनडीए फिर से सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में है, जबकि विपक्षी महागठबंधन (राजद, कांग्रेस और वाम दल) सत्ता पलटने के मूड में है. इस बार आप (AAP) भी मैदान में उतरकर सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी यानी मुकाबला बहुकोणीय होने जा रहा है.
चुनाव में क्या रहेगा निर्णायक?
33% अति पिछड़ा वर्ग (EBC) का वोट बैंक जो अब तक एनडीए का मजबूत आधार रहा है. महिलाओं की बढ़ती मतदान भागीदारी. उत्तर बिहार की बेहतर सड़क और पुल परियोजनाओं का प्रभाव, जिसने चुनावी चरणबंदी को भी प्रभावित किया है.