‘जनगणना राजनीतिक नहीं, सामाजिक और विकास के उद्देश्य से होनी चाहिए’, जाति जनगणना पर बोले RSS नेता दत्तात्रेय होसबाले

आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि संघ जाति आधारित जनगणना के खिलाफ नहीं है, लेकिन यह राजनीतिक लाभ के लिए नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान और विकास के उद्देश्य से होनी चाहिए.

आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि संघ जाति आधारित जनगणना के खिलाफ नहीं है, लेकिन यह राजनीतिक लाभ के लिए नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान और विकास के उद्देश्य से होनी चाहिए.

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Deepak Kumar
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RSS Sar Karyavah Dattatreya Hosabale on Aurangzeb BJP President and Muslim Reservation

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने शनिवार (1 नवंबर) को कहा कि संघ जाति आधारित जनगणना के खिलाफ नहीं है, लेकिन यह राजनीतिक लाभ के लिए नहीं की जानी चाहिए. उनका कहना है कि जनगणना का असली उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान कर उन्हें आगे बढ़ाना होना चाहिए.

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वे नागपुर में आयोजित आरएसएस की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के समापन पर पत्रकारों से बात कर रहे थे. होसबाले ने कहा कि देश में अक्सर लोग जाति या पैसे के आधार पर वोट देते हैं, और ऐसी प्रवृत्ति को खत्म करने के लिए समाज में जागरूकता लाने की जरूरत है.

‘एकता और सद्भाव देश की प्रगति के लिए जरूरी’

उन्होंने कहा कि चुनावों के दौरान नेताओं द्वारा जातिगत टिप्पणियां और वादे समाज को बांटते हैं. देश की प्रगति के लिए एकता और सामाजिक सद्भावना बेहद जरूरी है. होसबाले ने कहा, ‘हिंदू समाज में अनेक जातियां और संप्रदाय हैं, लेकिन सबका उद्देश्य समान है. समाज में आत्मविश्वास बढ़ाने और कलह मिटाने के लिए सामाजिक एकता की भावना को मजबूत करना जरूरी है.’

‘राजनीतिक नहीं, विकास के लिए जरूरी है आंकड़े’

जाति जनगणना पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस पर स्पष्ट राय दे चुका है कि जरूरत पड़ने पर यह की जा सकती है. उन्होंने कहा कि अगर किसी जाति या वर्ग को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है, तो उन्हें मदद पहुंचाने के लिए आंकड़े जुटाना जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि संघ जाति के आधार पर काम नहीं करता, लेकिन जहां भी आंकड़े देश और समाज के हित में हैं, वहां उन्हें एकत्र किया जाना चाहिए.

नशे, धर्मांतरण और परिवार पर चिंता

होसबाले ने नशे के बढ़ते प्रसार पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा कि अब नशीले पदार्थ स्कूलों और आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के पास भी बेचे जा रहे हैं, जिसे रोकने के लिए प्रशासन, समाज और धार्मिक संगठनों को मिलकर काम करना होगा.

उन्होंने कहा कि सेवा के नाम पर धर्मांतरण भी एक गंभीर चिंता है. इस दिशा में वनवासी कल्याण आश्रम और विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठन काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि संघ अपने शताब्दी वर्ष पर पूरे देश में सामाजिक सद्भाव, पर्यावरण संरक्षण और हिंदू एकता पर हजारों सम्मेलन आयोजित करेगा और घर-घर जाकर संपर्क अभियान चलाएगा.

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