Operation Sindoor Rafales: ऑपरेशन में सिंदूर में दिखा राफेल का दम, कल्पना से भी परे दे डाली सजा

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में भारतीय सेना के साथ-साथ लड़ाकू विमान राफेल की भी अहम भूमिका रही है. पहली बार भारतीय वायुसेना ने राफेल लड़ाकू विमानों को सक्रिय युद्ध अभियान में शामिल किया.

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Dheeraj Sharma
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Rafale Important Role in Operaion Sindoor

Operation Sindoor Rafales: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वादे के मुताबिक कल्पना से भी परे आतंकियों को सजा दी है औऱ सजा देने में न सिर्फ भारतीय सेना का बल्कि राफेल का भी बड़ा रोल रहा है. जी हां वहीं राफेल जिसको लेकर सियासी पारी भी कई बार हाई हो चुका है. इसी लड़ाकू विमान ने पहलगाम के आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों की मौत का न सिर्फ बदला लिया बल्कि देश के 140 करोड़ लोगों को संतुष्टि भी दी है. 

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पहली बार भारतीय वायुसेना ने राफेल लड़ाकू विमानों को सक्रिय युद्ध अभियान में शामिल किया, जिससे यह स्पष्ट संकेत गया कि भारत अब अपने अत्याधुनिक रक्षा संसाधनों के उपयोग में हिचक नहीं दिखाएगा.

ऑपरेशन सिंदूर, विशेष रूप से पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, के जवाब में शुरू किया गया था. यह घटना केवल एक आतंकी हमला नहीं थी, बल्कि भारत की संप्रभुता और आंतरिक सुरक्षा पर सीधा हमला था. इसका उत्तर भारत ने अत्यंत सटीकता और संयम के साथ दिया. 

ऑपरेशन के दौरान राफेल विमानों ने भारतीय वायुसीमा से ही अत्याधुनिक SCALP क्रूज़ मिसाइलें और HAMMER प्रिसीजन-गाइडेड बम दागे. इन हथियारों की विशेषता यह है कि वे 500 किलोमीटर से अधिक दूरी तक सटीक निशाना लगा सकते हैं, जिससे पायलटों को दुश्मन की सीमा में प्रवेश करने की आवश्यकता नहीं होती.

ऑपरेशन के तहत पाकिस्तानी क्षेत्रों – मुरीदके, बहावलपुर, मुजफ्फराबाद और कोटली – में स्थित नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया. भारत ने इस अभियान में पाकिस्तानी सेना के ठिकानों से सावधानीपूर्वक बचते हुए केवल आतंकवादी इन्फ्रास्ट्रक्चर को ही निशाना बनाया, जिससे यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नैतिक और सैन्य संतुलन की मिसाल बन गया.

क्यों खास थे राफेल विमान

राफेल विमानों की भूमिका इस मिशन में केंद्रीय रही. ये लड़ाकू विमान न केवल गति और मारक क्षमता में अव्वल हैं, बल्कि इनकी एवियोनिक्स, सेंसर और स्टील्थ क्षमताएं आधुनिक युद्ध की जरूरतों के अनुरूप हैं. यह पहली बार था जब भारत ने राफेल की मारक क्षमता को वास्तविक ऑपरेशन में परखा, और यह परीक्षण अत्यंत सफल रहा. 

सभी लड़ाकू विमान सुरक्षित लौट आए, जिससे मिशन की तकनीकी दक्षता और पायलटों के प्रशिक्षण की गुणवत्ता का भी प्रमाण मिलता है.  खास बात यह रही कि भले ही पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर कुछ स्वीकार नहीं किया, लेकिन कई पाकिस्तानी मीडिया सूत्रों ने आतंकी ठिकानों पर गंभीर नुकसान और हताहतों की बात को स्वीकार किया. यह इस बात का अप्रत्यक्ष प्रमाण है कि भारत का हमला सटीक और प्रभावी रहा. 

राफेल की इन खासियतों ने पूरा किया ऑपरेशन सिंदूर

1. राफेल की खासियत है कि यह लंबी दूरी पर भी सटीक मारक क्षमता रखता है. राफेल की SCALP मिसाइलों ने वायुसेना को पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किए बिना दुश्मन के इलाके में गहराई तक हमला करने की मंजूरी दी. 

2. राफेल में स्पैक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वाकफेयर सूट ने राफेल को दुश्मन की नजरों से बचाने में कारगर भूमिका निभाई. इसके AESA रडार ने दुश्नों की परिस्थितियों में कई टारगेट को ट्रैक किया और ऑपरेशन सिंदूर के अंजाम देने में मदद की. जो बताता है कि राफेल लड़ाकू विमान गोपनीय और बेहतर तकनीक का मेल है. 

3. राफेल की सबसे बड़ी खासियतों में से एक है इसका हवा से हवा, हवा से जमीन में मार करना. ऑपरेशन के दौरान इसने लंबी दूरी के टारगेट को ट्रैक किया और मिसाइल छोड़ने में हेल्प की. 

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