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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उड़ीसा के झारसुगुड़ा से देश के पहले पूर्ण स्वदेशी 4G स्टैक और बीएसएनएल के 1 लाख 4G टावरों का लोकार्पण किया. यह कार्यक्रम वर्चुअल तरीके से कई राज्यों में आयोजित हुआ, जिसमें विभिन्न मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री जुड़े. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि महज 22 महीनों में भारत ने अपना स्वदेशी 4G स्टैक तैयार कर लिया है. इससे भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास अपनी 4G तकनीक है.
उड़ीसा के साथ विभिन्न राज्यों में टावर्स का लोकार्पण हुआ जहां से विभिन्न नेतागण कार्यक्रम से जुड़े. उड़ीसा में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, आंध्र प्रदेश में केन्द्रीय मंत्री राम मोहन नायडू, चंद्रशेखर पेम्मासानी, मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उत्तर प्रदेश में केन्द्रीय मंत्री पंकज चौधरी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र में केन्द्रीय मंत्री रक्षा निखिल खडसे, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं अजीत पवार, राजस्थान में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, असम में मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, गुजरात में केन्द्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और बिहार में केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल रहे.
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह उपलब्धि केवल तकनीकी प्रगति नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की असली तस्वीर है. उन्होंने बताया कि स्वदेशी 4G स्टैक और नए टावर गांव-गांव तक कनेक्टिविटी पहुंचाएंगे और विकास की नई गाथा लिखेंगे. यह तकनीक अब हर नागरिक की जिंदगी आसान बनाएगी, चाहे वह छात्र हो, किसान, सैनिक या उद्यमी.
30 हजार गांवों तक हाई स्पीड इंटरनेट
आपको बता दें कि इस परियोजना से लगभग 30,000 गांवों में पहली बार हाई स्पीड इंटरनेट पहुंचेगा. इससे 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को सीधा लाभ मिलेगा. छात्र ऑनलाइन शिक्षा से जुड़ पाएंगे, किसान मंडियों और मौसम की जानकारी ले सकेंगे, सैनिक अपने परिवार से संपर्क कर पाएंगे और उद्यमी वैश्विक बाजार तक पहुंच बनाएंगे. सीमावर्ती और दूरदराज के इलाके भी अब डिजिटल भारत से जुड़ेंगे.
बीएसएनएल की कामयाबी
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने बताया कि बीएसएनएल ने ₹25,000 करोड़ के निवेश के साथ वित्तीय सुधार हासिल किए हैं. लंबे समय बाद कंपनी ने लगातार मुनाफा कमाया है- जनवरी-मार्च 2025 में ₹280 करोड़ और Q3 FY25 में ₹261 करोड़. यह दर्शाता है कि भारत की दूरसंचार कंपनियां अब आत्मनिर्भर होकर वैश्विक प्रतिस्पर्धा कर रही हैं.
डिजिटल भारत निधि का योगदान
डिजिटल भारत निधि (DBN) के तहत अभी तक 27,106 में से 19,823 टावर सक्रिय किए जा चुके हैं. इनके जरिए 26,000 से ज्यादा गांवों और लगभग 20 लाख परिवारों को शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. अगस्त 2025 में ही इन टावरों से 42,773 TB डेटा का इस्तेमाल हुआ, जो प्रति ग्राहक औसतन 21 GB मासिक है.
100% स्वदेशी तकनीक
यह 4G नेटवर्क पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है. इसमें सी-डॉट ने कोर नेटवर्क, तेजस नेटवर्क ने रेडियो एक्सेस नेटवर्क और टीसीएस ने इंटीग्रेशन का काम किया. यह क्लाउड-बेस्ड और भविष्य के लिए तैयार तकनीक है. इसके साथ भारत दुनिया का पांचवां देश बन गया है जिसके पास अपनी संपूर्ण 4G स्टैक क्षमता है.
सिंधिया ने कहा कि भारत अब वोकल फॉर लोकल से आगे बढ़कर लोकल टू ग्लोबल की ओर बढ़ रहा है. यह केवल तकनीकी ताकत नहीं, बल्कि डिजिटल समानता और सामाजिक न्याय की भी गारंटी है. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे आत्मनिर्भर भारत की एक ऐतिहासिक सौगात बताया.
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