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पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन Photograph: (ANI)
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर भारत पहुंचे. उनके स्वागत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं पलाम हवाई अड्डे पर पहुंचे, जबकि पहले यह जानकारी दी गई थी कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर पुतिन का स्वागत करेंगे. अचानक बदले इस प्रोटोकॉल ने न केवल भारतीय अधिकारियों बल्कि रूसी प्रतिनिधिमंडल को भी आश्चर्य में डाल दिया.
क्रेमलिन ने अपने बयान में कहा कि उन्हें पता नहीं था कि पीएम मोदी व्यक्तिगत रूप से पुतिन का स्वागत करने एयरपोर्ट पहुंचेंगे. पीएम मोदी के इस कदम को भारत और रूस के बीच मजबूत होते रिश्तों का प्रतीक माना जा रहा है.
हवाई अड्डे पर दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी भरा अभिवादन देखने को मिला. पुतिन के विमान के उतरते ही पीएम मोदी ने आगे बढ़कर उनका स्वागत किया. इसके बाद दोनों नेता एक साथ लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास के लिए रवाना हुए. यह पल लंबे समय बाद दोनों नेताओं की प्रत्यक्ष मुलाकात को दर्शाता है, क्योंकि रूस यूक्रेन युद्ध के बाद से पुतिन की भारत यात्रा नहीं हुई थी.
रात का भोजन और अनौपचारिक चर्चा
एयरपोर्ट से सीधे प्रधानमंत्री आवास पहुंचकर दोनों नेताओं ने साथ में रात का भोजन किया. यह बैठक औपचारिक वार्ता से पहले एक महत्वपूर्ण अनौपचारिक मुलाकात के रूप में देखी जा रही है. अधिकारियों का मानना है कि इस डिनर मीटिंग में कई रणनीतिक मुद्दों पर प्रारंभिक चर्चा हुई होगी, जिनमें रक्षा सहयोग, ऊर्जा साझेदारी, भू-राजनीतिक परिस्थितियाँ और वैश्विक मंचों पर दोनों देशों का समन्वय शामिल हो सकते हैं.
पुतिन की इस यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था विशेष रूप से कड़ी रखी गई है. दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने मिलकर राजधानी में ट्रैफिक और सुरक्षा प्रबंधन की व्यापक तैयारियां की हैं. यूक्रेन संघर्ष की पृष्ठभूमि में पुतिन का यह कोई भी विदेशी दौरा वैश्विक ध्यान आकर्षित करता है, इसलिए भारत ने भी उच्च स्तर की सुरक्षा सुनिश्चित की है.
औपचारिक स्वागत और शिखर सम्मेलन
शुक्रवार को राष्ट्रपति पुतिन का औपचारिक स्वागत किया जाएगा. इसके बाद हैदराबाद हाउस में 23वां भारत रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन आयोजित होगा. इस सम्मेलन में पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन कई अहम मुद्दों पर विस्तृत चर्चा करेंगे. उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच ऊर्जा क्षेत्र, रक्षा उत्पादन, व्यापार, अंतरिक्ष सहयोग और शिक्षा के क्षेत्र में नई घोषणाएँ हो सकती हैं.
भारत रूस संबंध ऐतिहासिक रूप से गहरे रहे हैं और रणनीतिक दृष्टि से दोनों देशों का सहयोग बहुआयामी है. इस संदर्भ में पुतिन की यह यात्रा विशेष महत्व रखती है, क्योंकि यह ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं. भारत वैश्विक दक्षिण की आवाज बनने की दिशा में अपनी भूमिका मजबूत कर रहा है, वहीं रूस पश्चिमी प्रतिबंधों और यूक्रेन युद्ध के बीच नए साझेदारों की तलाश में है.
पुतिन की यह यात्रा भारत के हितों, कूटनीतिक संतुलन और बहुपक्षीय संबंधों को नई दिशा दे सकती है. पीएम मोदी द्वारा एयरपोर्ट पर किए गए सप्राइज स्वागत ने इस दौरे की शुरुआत को और अधिक सारगर्भित बना दिया है.
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