‘विकसित भारत’ के लिए नया रोडमैप तैयार, छोटे कारोबारियों को होगा सीधा फायदा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीर्ष मंत्रियों और अर्थशास्त्रियों संग बैठक कर अगली पीढ़ी के आर्थिक सुधारों पर रोडमैप तय किया. सरकार ने अब तक 40,000 से अधिक अनुपालन और 1,500 पुराने कानून खत्म किए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीर्ष मंत्रियों और अर्थशास्त्रियों संग बैठक कर अगली पीढ़ी के आर्थिक सुधारों पर रोडमैप तय किया. सरकार ने अब तक 40,000 से अधिक अनुपालन और 1,500 पुराने कानून खत्म किए.

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Ravi Prashant
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पीएम नरेंद्र मोदी Photograph: (PM Modi/X)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री, सचिव और अर्थशास्त्री शामिल हुए. बैठक का मुख्य एजेंडा देश में अगली पीढ़ी के आर्थिक सुधारों (Next-Generation Reforms) का रोडमैप तय करना रहा.

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इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल सहित कई अन्य मंत्री मौजूद थे. 

स्वतंत्रता दिवस पर की थी घोषणा

अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने नेक्स्ट-जेनरेशन इकोनॉमिक रिफॉर्म्स के लिए एक विशेष टास्क फोर्स बनाने का ऐलान किया था. इस टास्क फोर्स का उद्देश्य देश की अर्थव्यवस्था को आधुनिक और सरल ढांचे में ढालना है. पीएम मोदी ने बताया कि सरकार अब तक 40,000 से ज्यादा अनावश्यक अनुपालनों (compliances) और करीब 1,500 पुराने कानूनों को खत्म कर चुकी है. हाल ही के संसद सत्र में ही 280 से अधिक प्रावधान हटा दिए गए.

सरल और नागरिक-हितैषी व्यवस्था

प्रधानमंत्री ने बैठक में जोर दिया कि सरकार की प्रतिबद्धता एक आधुनिक, प्रभावी और नागरिक-हितैषी व्यवस्था बनाने की है. इसके तहत नियम-कानून और प्रक्रियाओं को आसान बनाया जाएगा. स्टार्टअप्स, MSMEs और उद्यमियों के लिए अनुपालन का बोझ घटेगा. व्यवसायियों को मनमाने कानूनी कार्रवाई के डर से राहत मिलेगी. उद्यमिता को प्रोत्साहन देकर हर भारतीय को विकसित भारत के निर्माण में योगदान का मौका मिलेगा.

GST में बड़े बदलाव की तैयारी

मोदी ने पहले ही संकेत दिए हैं कि दिवाली तक जीएसटी सुधारों का नया पैकेज लाया जाएगा. इसके तहत दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर टैक्स घटेगा. इसका सीधा फायदा छोटे कारोबारियों, स्थानीय विक्रेताओं और उपभोक्ताओं को मिलेगा. साथ ही, अर्थव्यवस्था में खपत बढ़ेगी और विकास की रफ्तार तेज होगी.

सरकार का यह कदम दिखाता है कि आने वाले समय में भारत की आर्थिक नीतियां सिर्फ कागजी बोझ घटाने तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि आम नागरिक और छोटे व्यवसायियों के लिए माहौल आसान और भरोसेमंद बनाने पर केंद्रित होंगी. मोदी सरकार का यह मंथन भारत को अगली आर्थिक छलांग दिलाने की तैयारी माना जा रहा है. 

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