/newsnation/media/media_files/2025/09/06/pm-modi-visit-to-flood-affected-states-2025-09-06-07-38-34.jpg)
बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा करेंगे पीएम मोदी Photograph: (Social Media)
PM Modi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्य बाढ़ की चपेट में हैं. सबसे बुरे हालात पंजाब के हैं. जहां 2000 से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं. कई लोगों की जान चली गई है और सैकड़ों मवेशी भी मारे गए हैं. भारी तादात में फसलों को नुकसान पहुंचा है. इस बीच खबर आई है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाढ़ प्रभावित राज्यों के दौरे पर जाएंगे. जहां वे बाढ़ के हालातों का जायजा लेंगे.
पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हुई भारी बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं. जिससे जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी यूपी के कई जिलों में हालात खराब हैं. बाढ़ ने फसलों को बर्बाद कर दिया. बाढ़ प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं.
बाढ़ से पंजाब सबसे ज्यादा प्रभावित
पंजाब बाढ़ से ज्यादा प्रभावित राज्य है. जहां सतलुज और ब्यास नदी में आए उफान से पूरा राज्य बाढ़ की चपेट में आ गया है. राज्य के दो हजार से ज्यादा जिले बाढ़ की मार झेल रहे हैं. पौंग बांध के कैचमेंट क्षेत्र में अब तक के इतिहास की सबसे अधिक बारिश ने पंजाब को बाढ़ की स्थिति में पहुंचा दिया है. हालांकि फिलहाल मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक भारी बारिश से इनकार किया है. जो एक राहत की खबर है. वहीं उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में भी भारी बारिश के चलते भारी नुकसान हुआ है. हालांकि इन तीनों राज्यों में बीते दिन यानी शुक्रवार को बारिश का सिलसिला थम गया. जिससे राहत कार्यों में तेजी आई है.
पंजाब में अब तक 43 लोगों की गई जान
बाढ़ प्रभावित पंजाब में अब तक 43 लोगों के मारे जाने की खबर है. जबकि राज्य के करीब 4 लाख लोग इस बाढ़ में प्रभावित हुए हैं. बारिश ने राज्य में पिछले 25 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. घरों में पानी भर गया है जिसके चलते लोग सरकार की ओर से लगाए गए राहत शिवरों में रहने को मजबूर हैं. पूरे राज्य में 159 राहत शिविर बनाए गए हैं. पंजाब का अमृतसर जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. इसके साथ ही कपूरथला, फिरोजपुर, संगरूर और होशियारपुर में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है.
ये भी पढ़ें: Punjab Flood History: पंजाब में बाढ़ का इतिहास, 1955 से लेकर 2025 तक, अब तक कितनी हुई तबाही? देखिए रिपोर्ट