अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने टैरिफ का जिक्र किए बिना कहा कि हमारे लिए किसानों का हित प्राथमिक है. उन्होंने कहा कि अपने किसानों, मछुआरों और पशुपालक भाई-बहनों के हित के साथ भारत कभी भी समझौता नहीं करेगा. पीएम मोदी ने कहा कि मुझे पता है कि व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी और मैं इसके लिए तैयार भी हूं. बता दें, अमेरिका भारत के एग्रीकल्चर और डेयरी सेक्टर में अपनी शर्तों के साथ एंट्री करना चाहता है लेकिन भारत इसके लिए राजी नहीं है.
भारत से अमेरिका भेजे जाने वाले सामान पर सात अगस्त से 25 प्रतिशत टैरिफ लगेगा. 27 अगस्त से 25 प्रतिशत एक्स्ट्रा टैरिफ लागू होगा. भारतीय सामान अमेरिका के बाजार में महंगे हो जाएंगे. भारतीय सामान की डिमांड इससे अमेरिका में कम हो सकती है.
प्रो एमएस स्वामीनाथन ने विज्ञान को जनसेवा का माध्यम बनाया
दरअसल, पीएम मोदी गुरुवार को एमएस स्वामीनाथन शताब्दी इंटरनेशनल सम्मेलन में शामिल हुए थे. गुरुवार को दिल्ली में सम्मेलन का आयोजन हुआ. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ पर्सनालिटी ऐसी होती हैं, जिनका योगदान किसी एक युग या फिर किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं होता. प्रो एमएस स्वामीनाथन ऐसे ही एक वैज्ञानिक थे. उन्होंने विज्ञान को ही जनसेवा का माध्यम बना लिया था.
स्वामीनाथन के साथ मेरा जुड़ाव वर्षों पुराना
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में आगे कहा कि देश की खाद्य सुरक्षा को उन्होंने अपने जीवन का लक्ष्य बनाया. उन्होंने लोगों में एक ऐसी चेतना जागृत की, जो आने वाले अनेक शताब्दियों तक भारत की नीतियों और प्राथमिकताओं का मार्गदर्शन करेगा. पीएम मोदी ने कहा कि मेरा जुड़ाव स्वामीनाथन के साथ वर्षों पुराना है. उन्होेंने बताया कि बहुत सारे लोग गुजरात की पुरानी परंपराओं से परिस्थितियों से परिचित हैं. कच्छ में रेगिस्तान का विस्तार हो रहा था. सूखे और चक्रवात के वजह से कृषि को काफी ज्यादा संकटों का सामना करना पड़ा था. मैं जब गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब हमने मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर काम शुरू कर दिया था. स्वामीनाथन ने इस बारे में बहुत रुचि दिखाई. उन्होंने खुलकर सुझाव दिया और हमारा मार्गदर्शन किया. उनके योगदान के वजह से ही इस पहल को जबरदस्त सफलता मिली है.
सम्मान निधि ने छोटे-छोटे किसानों को आत्मबल दिया
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से मिलने वाली सहायता से छोटे-छोटे किसानों को आत्मबल मिला है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने किसानों को रिस्क से सुरक्षित किया है. सरकार ने पीएम कृषि सिंचाई योजना की मदद से सिंचाई से समस्याओं को दूर किया है. किसानों को अपनी उपज बेचने में e-NAM की वजह से आसानी हुई है.
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