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पीएम मोदी Photograph: (ANI)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शांति कोशिशों की तारीफ की, जिन्होंने गाजा संघर्ष विराम समझौते में अहम भूमिका निभाई है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “दो साल की कैद के बाद सभी बंधकों की रिहाई का हम स्वागत करते हैं. यह उनके परिवारों के साहस, राष्ट्रपति ट्रंप के शांति प्रयासों और प्रधानमंत्री नेतन्याहू के दृढ़ संकल्प का प्रतीक है. हम क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के ईमानदार प्रयासों का समर्थन करते हैं.”
दो साल बाद घर लौटे बंदी
दरअसल, यह संदेश उस ऐतिहासिक दिन आया जब हमास ने अपने कब्जे में रखे अंतिम 20 जीवित बंधकों को आज रिहा कर दिया. ये सभी बंधक दो साल से गाजा में बंदी थे और उन्हें ट्रंप के नेतृत्व में बने पहले चरण के गाज़ा शांति समझौते के तहत रिहा किया गया.
इजरायल कितने कैदी छोड़े?
इस समझौते के तहत इजरायल ने 2000 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा है और गाजा में खाद्य व मानवीय सहायता की आपूर्ति बढ़ाने पर भी सहमति जताई है. इससे युद्ध से तबाह गाजा में राहत की उम्मीद जगी है, जहां पिछले दो वर्षों में हजारों फ़िलिस्तीनी मारे गए और लाखों विस्थापित हुए.
पीएम ने पहली दी थी बधाई
यह दूसरा मौका है जब प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप को इस शांति समझौते पर बधाई दी है. इससे पहले भी उन्होंने एक्स पर लिखा था कि उन्होंने अपने मित्र राष्ट्रपति ट्रंप से फोन पर बात कर ऐतिहासिक गाज़ा शांति योजना की सफलता पर बधाई दी. साथ ही दोनों नेताओं ने व्यापारिक वार्ताओं की प्रगति की समीक्षा की और आने वाले हफ्तों में संपर्क बनाए रखने पर सहमति जताई.
शर्म अल-शेख शांति सम्मेलन आयोजन
इधर, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी सोमवार को ‘शर्म अल-शेख शांति सम्मेलन’ की मेजबानी कर रहे हैं, जहां गाजा और पूरे मध्य-पूर्व में स्थायी शांति के रास्तों पर चर्चा होगी. इस सम्मेलन की सह-अध्यक्षता ट्रंप और अल-सीसी करेंगे. भारत की ओर से विदेश राज्य मंत्री किर्ति वर्धन सिंह इस सम्मेलन में शामिल होंगे। यह आयोजन मिस्र के रेड सी तटीय शहर शर्म अल-शेख में हो रहा है, जिसमें करीब 20 देशों के शीर्ष नेता भाग लेंगे. गाजा संघर्ष में यह विराम और बंधकों की रिहाई एक महत्वपूर्ण मानवीय उपलब्धि मानी जा रही है, जिससे क्षेत्र में स्थायी शांति की उम्मीदें फिर से जीवित हुई हैं.
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