लाल किले से PM मोदी ने दी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि, धारा 370 पर याद की भूमिका

देश की राजधानी दिल्ली में 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का विशेष रूप से जिक्र किया.

देश की राजधानी दिल्ली में 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का विशेष रूप से जिक्र किया.

author-image
Ravi Prashant
New Update
Shyama Prasad Mukherjee

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को दी श्रद्धांजलि Photograph: (YT/NARENDRA MODI)

देश की राजधानी दिल्ली में 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का विशेष रूप से जिक्र किया. पीएम मोदी ने बताया कि आज डॉ. मुखर्जी की 125वीं जयंती है. 

Advertisment

पीएम मोदी ने कहा, “भारत के पहले महानपुरुष डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी हैं, जिन्होंने संविधान के लिए अपनी जान दी. धारा 370 की दीवार को गिराकर जब हमने एक देश, एक संविधान के मंत्र को स्वीकार किया, तब हमने उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी..”

कैसे संविधान के लिए दी जान? 

धारा 370, जो जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देती थी, लंबे समय से विवाद का विषय रही. डॉ. मुखर्जी का मानना था कि यह प्रावधान भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरा था. उन्होंने जम्मू-कश्मीर में प्रवेश के लिए आवश्यक परमिट सिस्टम का विरोध किया और 1953 में बिना अनुमति वहां पहुंचे. इसी दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया और हिरासत में उनकी मृत्यु हो गई. इस बलिदान ने धारा 370 के खिलाफ देशभर में आंदोलन को तेज कर दिया.

श्माया प्रसाद मुखर्जी ने किया था विरोध

डॉ. मुखर्जी का तर्क था कि अगर जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, तो वहां के लिए अलग झंडा, अलग संविधान और अलग कानून क्यों? उनका स्पष्ट संदेश था, “दो निशान, दो विधान, दो प्रधान नहीं चलेंगे.” यह नारा आगे चलकर भारतीय राजनीति में धारा 370 को हटाने के लिए प्रेरणा स्रोत बना.

साल 2019 में खत्म हुए दो विधान

आखिरकार 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया. यह कदम डॉ. मुखर्जी के उस सपने की पूर्ति था, जिसमें वे पूरे भारत को एक संविधान के तहत देखना चाहते थे.

ये भी पढ़ें- किस प्रधानमंत्री ने दिया सबसे छोटा और बड़ा भाषण, जानें पीएम मोदी के 11 भाषणों का वक्त

PM modi Narendra Modi red-fort Section 370 Dr Shyama Prasad Mukherjee
Advertisment