कार की अगली सीट से मजबूत होते रिश्ते, जॉर्डन में पीएम मोदी को क्राउन प्रिंस ने खुद ड्राइव कर दी विदाई

पीएम मोदी के साथ कार ड्राइव करते जॉर्डन के क्राउन प्रिंस की तस्वीरें सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं. यह कदम औपचारिक प्रोटोकॉल से हटकर था. इसे पीएम मोदी की डिप्लोमेसी और भारत-जॉर्डन के मजबूत होते रिश्तों के रूप में देखा जा रहा है.

पीएम मोदी के साथ कार ड्राइव करते जॉर्डन के क्राउन प्रिंस की तस्वीरें सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं. यह कदम औपचारिक प्रोटोकॉल से हटकर था. इसे पीएम मोदी की डिप्लोमेसी और भारत-जॉर्डन के मजबूत होते रिश्तों के रूप में देखा जा रहा है.

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Ravi Prashant
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India Jordan relations

पीएम मोदी और प्रिंस क्राउन Photograph: (X/PMmodi)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति एक बार फिर सुर्खियों में है. हाल ही में पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक साथ कार में बैठकर पीएम आवास पहुंचने की तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी थी. इसी साल चीन के तिआनजिन शहर में भी राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी को अपनी लिमोजिन कार में साथ बैठाया था. अब इसी कड़ी में जॉर्डन से एक नई और खास तस्वीर सामने आई है.

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क्राउन प्रिंस ने खुद चलाकर दी पीएम मोदी को विदाई

पीएम मोदी के दो दिवसीय जॉर्डन दौरे के समापन पर क्राउन प्रिंस अल हुसैन बिन अब्दुल्ला द्वितीय ने खुद गाड़ी चलाकर प्रधानमंत्री को विदा किया. खास बात यह रही कि यह कोई औपचारिक मोटरकेड नहीं था और न ही कोई तयशुदा शिष्टाचार. यह पूरी तरह से दो नेताओं के बीच सहज बातचीत, भरोसे और आपसी गर्मजोशी का प्रतीक था.

कहां-कहां लेकर गए क्राउन प्रिंस

जानकारी के मुताबिक, क्राउन प्रिंस पीएम मोदी को पर्सनली एयरपोर्ट और जॉर्डन म्यूजियम तक ड्राइव करके ले गए. यह वह पल था, जिसने साफ कर दिया कि भारत और जॉर्डन के रिश्ते अब केवल आधिकारिक दस्तावेजों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आपसी सम्मान और व्यक्तिगत भरोसे तक पहुंच चुके हैं.

इतिहास और संदेश से जुड़ा है यह कदम

क्राउन प्रिंस अल हुसैन को पैगंबर मोहम्मद साहब की 42वीं पीढ़ी का वंशज माना जाता है. ऐसे में उनका यह कदम सिर्फ शिष्टाचार नहीं था, बल्कि एक गहरा संदेश भी था. यह संदेश भारत और जॉर्डन के रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक प्रतीकात्मक पहल के तौर पर देखा जा रहा है.

पीएम मोदी की डिप्लोमेसी का खास अंदाज

इन तस्वीरों के जरिए दुनिया को साफ संदेश गया है कि पीएम मोदी पारंपरिक कूटनीति से अलग एक नई छाप छोड़ना चाहते हैं. वैश्विक मंच पर व्यक्तिगत रिश्तों और अनौपचारिक संवाद को अहमियत देना उनकी विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता जा रहा है. यही वजह है कि ऐसी तस्वीरें न केवल मीडिया में चर्चा बनती हैं, बल्कि लंबे समय तक अंतरराष्ट्रीय संदेश भी देती हैं.

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Narendra Modi
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