EPFO : साल 2025 मिडिल क्लास के लिए काफी अच्छा रहने वाला है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में आम बजट में मिडिल क्लास को आयकर संबंधी राहत दी है. इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक की ब्याज दरों में भी कटौती कर मध्यम वर्ग को राहत पहुंचाने का काम किया गया है. क्योंकि मिडिल क्लास में सबसे ज्यादा नौकरीपेशा लोग आते हैं, इसलिए अब उनकी नजरें ईपीएफओ पर मिलने वाले ब्याज पर टिकी हुई हैं.
दरअसल, नौकरीपेशा लोगों को उम्मीद है कि सरकार जल्द ही ईपीएफओ में जमा पैसे पर ब्याज बढ़ाने का फैसला ले सकती है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सरकार भी सैलरीड क्लास के लिए बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है, जिसके देश के करोड़ों कर्मचारियों को सीधा लाभ पहुंचेगा.
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28 फरवरी को ही बोर्ड बैठक
दरअसल, नौकरीपेशा और सैलरीड क्लास के लिए पीएफ एक बड़ी बचत होती है, जो उनको लिए काफी मायने रखती है. सरकार कर्मचारियों की इस बचत पर ब्याज देती है, जिससे रिटायरमेंट तक उनका फंड अच्छा खासा हो जाता है.
माना जा रहा है कि सरकार अब पीएफ पर ब्याज बढ़ाने का फैसला ले सकती है, जिससे मध्यम वर्ग की बचत में वृद्धि होगी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रोविडेंट फंड से जुड़े सभी फैसले ईपीएफओ लेता है. ऐसे में सबको ईपीएफओ की अगली बोर्ड बैठक का बेसब्री के साथ इंतजार है. ईपीएफओ की यह बोर्ड बैठक 28 फरवरी को होनी है. संभावना है कि ईपीएफओ इस बोर्ड बैठक में पीएफ को ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला ले सकता है.
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पिछले 2 सालों से ब्याज में हो रही बढ़ोतरी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले भी सरकार लगातार दो सालों से पीएफ पर ब्याज बढ़ाने का फैसला लेती आ रही है. सरकार ने 2022-23 में पीएफ पर ब्याज बढ़ाने का फैसला लिया था, जिसको बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया गया था.
इसके अगले ही साल यानी 2023-24 को सरकार ने एक बार फिर ब्याज दरों को बढ़ाकर 8.25 प्रतिशत कर दिया था. मौजूदा समय में कर्मचारियों को पीएफ पर 8.25 प्रतिशत की दर से ब्याज मिल रहा है. हालांकि सरकार की तरफ से पीएफ पर ब्याज बढ़ाने का कोई संकेत नहीं आया है. लेकिन रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि सरकार इस साल भी ब्याज दरों में 0.10 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती है.