META को मानहानि नोटिस भेजेगी संसदीय समिति, मार्क जुकरमर्ग के बयान पर हुआ बवाल

मेटा सीईओ मार्क जुकरबर्ग के बयान पर बवाल मचा हुआ है. संसदीय समिति अब मेटा को मानहानि का नोटिस भेजने वाली है. समिति ने मांग की है कि जुकरबर्ग को भारत और भारतीयों से माफी मांगनी चाहिए.

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Jalaj Kumar Mishra
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META CEO Mark Zuckerberg

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META को भारत की संसदीय समिति मानहानि का समन भेजेगी. समन META सीईओ मार्क जुकरबर्ग के उस बयान को लेकर भेजा जाएगा, जिसमें उन्होंने कहा था कि कोविड में धीमे रेस्पॉन्स के कारण मोदी सरकार हार गई. भाजपा सांसद और  कम्युनिकेशन-इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी की स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने मंगलवार को जुकरबर्ग के बयान पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि गलत जानकारी फैलाने के लिए META को माफी मांगनी चाहिए.

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देश की छवि इससे खराब होती है

लोकसभा सांसद दुबे ने कहा कि हमारी संसदीय समिति गलत जानकारी फैलाने के आरोप में मेटा को बुलाएगी. लोकतांत्रित देश के बारे में गलत जानकारी देना, उस देश की छवि को खराब करता है. भारतीय संसद और भारतीयों से मेटा को माफी मांगनी चाहिए.

क्या बोले आईटी मंत्री

आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत के आम चुनावों में 64 करोड़ लोग शामिल हुए थे. भारतीयों ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए पर भरोसा जताया. जुकरबर्ग का दावा तथ्यात्मक रूप से बिल्कुल गलत है. जुकरबर्ग को तथ्यों और विश्वसनीयता का ध्यान रखना चाहिए. 

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क्या है पूरा मामला

सीईओ जुकरबर्ग 10 जनवरी को एक पॉडकास्ट में गए थे. इस दौरान, उन्होंने कहा था कि साल 2024 दुनिया के लिए उथल-पुथल भरा रहा. 2024 एक बड़ा चुनावी साल था. भारत सहित कई देशों में चुनाव हुए. कोरोना के बाद हुए चुनावों में भारत सहित दुनिया के कई देशों की सरकार गिर गई. ये सरकारों के प्रति जनता का अविश्वास दिखाता है.  पूरे साल कोई न कोई वैश्विक घटना हुई. जैसे- मुद्रास्फीति, कोराना, आर्थिक नीतियों का फर्क चुनाव पर पड़ा. लोगों की नाराजगी और गुस्से के कारण विश्व भर के चुनाव परिणाम प्रभावित हुए. 

 

meta Nishikant Dubey Ashwini Vaishnaw
      
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