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Parliament Photograph: (social media)
केंद्र सरकार बुधवार यानि 20 अगस्त को लोकसभा में तीन अहम विधेयक पेश करेगी. इसमें प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और अन्य मंत्रियों को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार किए जाने पर पद से हटाने के लिए कानूनी ढांचे और शर्तों को संहिताबद्ध किया जाएगा. हालांकि, अटकलों के विपरीत, इन रिपोर्टों के अनुसार, अभी तक जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.
इस विधेयक के माध्यम से केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के सीएम या मंत्री और साथ ही प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री या राज्य मंत्री (एमओएस) को गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी या हिरासत के हालात की स्थिति में पद से हटने का कानूनी प्रावधान किया जाएगा. सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस कानून का उद्देश्य राजनीति में स्वच्छता, जवाबदेही और नैतिक आचरण को बढ़ावा देना है.
हाल में ये मामले चर्चा में रहे
हाल ही कुछ इस तरह के मामले चर्चा में रहे जहां पर जांच एंजेसियों ने कुछ राज्यों में सीएम और मंत्रियों को अलग-अलग मामलों में गिरफ्तारी की थी. इनमें एक सीएम ने अपनी गिरफ्तारी के बाद इस्तीफा नहीं दिया था. कुछ माह पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल को एक केस में गिरफ्तार किया था. इस दौरान उन्होंने जेल जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया था.
वहीं ED ने झारखंड के तत्कानी सीएम हेमंत सोरेन को भी गिरफ्तार किया था. मगर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया था. इसके अलावा पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की भी गिरफ्तारी की गई थी. ऐसे में अगर इस तरह का बिल पास होता है तो इसका सीधा मतलब ये है कि पद पर बैठे नेता को अब कुर्सी को छोड़ना होगा.
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