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india and afghanistan relation Photograph: (social media)
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत के सात दिनों के दौरे पर हैं. उनका यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों के लिए काफी अहम माना जा रहा है. मगर इस दौरे से पाकिस्तान बौखालाया हुआ है. भारत और अफगानिस्तान के संयुक्त बयान पर पाकिस्तान ने आपत्ति व्यक्त की है.
सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का साफ उल्लंघन
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अधिकारिक बयान जारी करते हुए कश्मीर को भारत का भाग बताए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई है. इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का साफ उल्लंघन बताया. पाकिस्तान ने अपने बयान में कहा कि जम्मू और कश्मीर को भारत का हिस्सा बताया जाना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और जम्मू और कश्मीर के कानूनी हालात का पूरी तरह से उल्लंघन है.भारत और अफगानिस्तान का यह संयुक्त बयान कश्मीर के निवासियों के संघर्ष और बलिदानों के लिए काफी असंवेदनशील है.
पहलगाम में आतंकी हमले की कड़ी निंदा की
आपको बता दें कि भारत और अफगानिस्तान ने 10 अक्टूबर को संयुक्त बयान में 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले की कड़ी निंदा की. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई. दोनों देशों ने सभी तरह की आतंकी घटनाओं की निंदा की. क्षेत्र में शांति, स्थिरता और आपसी विश्वास बढ़ाने के जरूरत पर जोर दिया. अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्तकी का कहना कि आतंकवाद पाकिस्तान का अंदरूनी मामाला है.
मुत्तकी ने कहा कि हम समझते है कि पाकिस्तान ने गलत किया. इस तरह समस्याएं सुलझती नहीं है. हमने चर्चा के लिए दरवाजे खुले रखे हैं. उन्हें अपनी समस्याएं खुद से सुलझानी चाहिए. अफगानिस्तान में 40 वर्षों के बाद शांति आई है. पाकिस्तान इसी बयान से चिढ़ा हुआ है.
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