Pahalgam Terrorist Attack: युद्ध हुआ तो पाकिस्तानी चले जाएंगे 100 साल पीछे

अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ तो पाकिस्तान के हालात और भी खराब हो जाएंगे. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान इस समय जिस दौर से गुजर रहा है, उसमें पाकिस्तान युद्ध नहीं झेल पाएगा.

अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ तो पाकिस्तान के हालात और भी खराब हो जाएंगे. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान इस समय जिस दौर से गुजर रहा है, उसमें पाकिस्तान युद्ध नहीं झेल पाएगा.

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Ravi Prashant
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पाकिस्तान आर्थिक स्थिति Photograph: (Freepik)

Pahalgam Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान जाने के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त राजनयिक कदम उठाए. इन फैसलों का असर सिर्फ कूटनीतिक दायरे में ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भी गहराई से पड़ा है.

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भारत ने इंडस जल संधि को स्थगित कर दिया है, सार्क वीज़ा छूट योजना को पाकिस्तानियों के लिए रोक दिया गया है.  अटारी बॉर्डर को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है, और 1 मई तक वैध आवागमन की अंतिम तारीख तय कर दी गई है.

पाकिस्तान के शेयर मार्केट में भूचाल 

इन कड़े कदमों के चलते पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (PSX) में भारी गिरावट आई. 24 अप्रैल को ट्रेडिंग की शुरुआत में ही KSE-100 इंडेक्स 2,500 अंकों से गिरा, जो 2% से अधिक की गिरावट है. हालांकि दिन के अंत तक कुछ सुधार हुआ, लेकिन बाजार में घबराहट साफ नजर आई.

पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति जर्जर

यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं भी पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर चिंता जता रही हैं. IMF ने FY25 के लिए पाकिस्तान की GDP ग्रोथ 2.6% और एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने 2.5% तक सीमित कर दी है. पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था भी खतरे में है, जो GDP का 22.7% हिस्सा है और 37.4% जनसंख्या को रोजगार देती है.

पानी के लिए तरसेगा पाकिस्तान

इंडस जल संधि रद्द होना पाकिस्तान के लिए जल संकट की चेतावनी है. इस संधि के तहत झेलम, चिनाब और सिंधु नदियों का जल पाकिस्तान को मिलता है, और अब इस पर असमंजस के बादल मंडरा रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को जल क्षेत्र में अपने विकास कार्य तेज करने चाहिए और पाकिस्तान पानी के लिए तरसा देना चाहिए.

निवशकों को नहीं हो रहा है भरोसा

इस बीच, पाकिस्तान की आंतरिक स्थिति भी नाजुक है.  अगर पाकिस्तानी की वर्तमान महंगाई दर की बात करें तो 38.5% और $3.7 बिलियन का कमज़ोर विदेशी मुद्रा भंडार, और 22% की ऊंची ब्याज दरें. यह सब देश को आर्थिक गर्त की ओर ले जा रहे हैं. FATF की ग्रे लिस्ट में 5 साल तक रहना भी निवेशकों के भरोसे को प्रभावित करता रहा.

आईएमएफ का कर्ज चुकाना होगा मुश्किल

अब पाकिस्तान को IMF से $1.3 बिलियन का नया कर्ज़ और $1 बिलियन की पिछली योजना से राहत मिल सकती है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में $22 बिलियन का विदेशी कर्ज़ चुकाना पाकिस्तान के लिए एक बड़ी चुनौती होगी. इस बीच, प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की आपात बैठक बुलाई है, जिसमें भारत के हालिया कदमों की समीक्षा और संभावित रणनीतिक जवाब पर चर्चा की जाएगी.

पाकिस्तान हो जाएगा बर्बाद

भारत की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहले ही “जवाब ज़ोरदार और स्पष्ट होगा” जैसा बयान देकर संकेत दे दिया है कि सैन्य प्रतिक्रिया भी भारत की रणनीति में शामिल हो सकती है. पाकिस्तान अब कूटनीतिक दबाव, आर्थिक अस्थिरता और आंतरिक उथल-पुथल की त्रासदी से जूझ रहा है. ऐसे में यदि वह किसी सैन्य संघर्ष की ओर बढ़ता है, तो वह खुद को और भी गहरे संकट में धकेल सकता है.

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Pahalgam Terrorist Attack
      
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