Operation Girgit: न्यूज़ नेशन के स्टिंग में अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकी मॉड्यूल का खुलासा

न्यूज़ नेशन के अंडर-कवर रिपोर्टरों द्वारा चलाए गए स्टिंग ऑपरेशन “ऑपरेशन गिरगिट” में फरीदाबाद स्थित अलफला यूनिवर्सिटी और उसके अस्पताल से जुड़े डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ के उन दावों और खुलासों को उजागर किया गया है.

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Ravi Prashant
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न्यूज़ नेशन के अंडर-कवर रिपोर्टरों द्वारा चलाए गए स्टिंग ऑपरेशन “ऑपरेशन गिरगिट” में फरीदाबाद स्थित अलफला यूनिवर्सिटी और उसके अस्पताल से जुड़े डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ के उन दावों और खुलासों को उजागर किया गया है.

न्यूज़ नेशन के अंडर-कवर रिपोर्टरों द्वारा चलाए गए स्टिंग ऑपरेशन “ऑपरेशन गिरगिट” में फरीदाबाद स्थित अलफला यूनिवर्सिटी और उसके अस्पताल से जुड़े डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ के उन दावों और खुलासों को उजागर किया गया है, जिन्हें देखकर सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ आम नागरिकों में भी चिंता की लहर फैल गई है. स्टिंग में ऐसे तथ्यों का जिक्र है, जिनमें कहा जा रहा है कि दिल्ली में 10 नवंबर को हुए लाल किले के पास विस्फोट से जुड़े तार उसी यूनिवर्सिटी से जुड़े कुछ डॉक्टरों तक पहुंचते हैं.

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अस्पताल के स्टाफ ने किया खुलासा

न्यूज़ नेशन के खुफिया कैमरे और अंडर-कवर रिपोर्टरों की जांच में यूनिवर्सिटी के भीतर एक कथित वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल के सक्रिय होने का दावा किया गया है. स्टिंग के अनुसार उन्हीं में से एक नाम डॉक्टर उमर नबी उस सुसाइड बम हमले का संदिग्ध बताया जा रहा है. यूनिवर्सिटी के कुछ कर्मचारियों और नर्सिंग स्टाफ ने कैमरे पर दिए बयान में कहा कि डॉक्टर उमर और डॉक्टर मुजम्मिल जैसे लोग अस्पताल के भीतर सामान्य पेशेवर जीवन जीते नजर आते थे और मरीजों के साथ उनका व्यवहार बिल्कुल साधारण था. इसी छवि के पीछे उन्हें सुरक्षित आवरण के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप स्टिंग में लगाया गया है. 

मरीजों के साथ मिलनसार था उमर

स्टिंग रिपोर्ट में नर्सिंग स्टाफ के कई ऐसे बयान सामने आये, जिनमें कहा गया कि वे वर्षों तक इन डॉक्टरों के साथ काम कर चुके हैं और किसी तरह की संदिग्ध सक्रियता का पता नहीं चला. एक नर्स ने बताया कि मुजम्मिल हमेशा मरीजों के साथ सौम्य और मिलनसार रहते थे. “इंजेक्शन देने से पहले मरीजों को हंसाते थे”लेकिन स्टिंग के मुताबिक़ उसी मुहै इस तरह के भयावह षड़यंत्रों की जड़ें मिलीं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुजम्मिल के ठिकानों से भारी मात्रा में बारूद भी बरामद हुआ है यह वही दावा है जिसे रिपोर्टर ने स्टिंग में उठाया.

यहीं से हो रही है थी सारी प्लानिंग? 

न्यूज़ नेशन के अंडर-कवर टीम ने यूनिवर्सिटी के भीतर के केबिन, इमरजेंसी वार्ड और कुछ ऐसे कमरों की तस्वीरें और वीडियोज़ भी जारी किए हैं, जिन्हें देखकर कहा जा रहा है कि यहां से आतंक से जुड़ी योजनाओं का ब्लूप्रिंट तैयार किया जाता था. स्टिंग रिपोर्ट में एक और संवेदनशील दावा यह भी किया गया है कि इस नेटवर्क में महिलाओं की भर्ती और ब्रेनवॉश की योजनाओं से जुड़ा नाम भी आया है. रिपोर्ट में कहा गया कि एक ‘लेडी डॉक्टर शाहीन’ का नाम संबंधित माना जा रहा है, और उसके दायरे में लड़कियों को अतंरिक गतिविधियों के लिए तैयार करने का आरोप लगाया गया है. इन दावों पर संबंधित पक्षों तथा संस्थान की प्रतिक्रिया अभी सार्वजनिक नहीं हुई है. 

डॉक्टरों से संबंधित लोगों की तलाश

सुरक्षा और जांच एजेंसियों की ओर से भी इस तरह के मामलों पर कार्रवाई की बात स्टिंग में शामिल हुई. बताया गया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) व अन्य संस्थाएं मामले की जांच कर रही हैं और यूनिवर्सिटी का फोरेंसिक परीक्षण चल रहा है. स्टिंग में यह भी कहा गया कि कुछ डॉक्टरों और संबंधित लोगों की तलाश जारी है. हालांकि, किसी भी आरोपी की दोषसिद्धि एक रोकथाम योग्य कानूनी प्रक्रिया के बाद ही हो सकती है. 

नोट: यह रिपोर्ट न्यूज़ नेशन के स्टिंग ऑपरेशन के दावों और अंडर-कवर रिपोर्टरों की कथित पहुंच पर आधारित है. इन आरोपों की सत्यता और आरोपी व्यक्तियों की आपराधिक जवाबदेही का निर्णय अदालत एवं जांच एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराए गए निष्पक्ष व पारदर्शी प्रक्रिया के बाद ही निर्धारित किया जा सकता है.

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