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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर जवाद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तार कर लिया है. सिद्दीकी को 18 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था, जो कि अल-फलाह ग्रुप से संबंधित परिसरों में की गई छापेमारी और जांच में जुटाए गए सबूतों के बाद की गई थी.
क्यों हुई गिरफ्तारी के कारण
ED ने अल-फलाह ग्रुप के खिलाफ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की ओर से दर्ज की गई दो FIR के आधार पर जांच शुरू की थी. इन FIR में आरोप लगाया गया था कि फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने गलत तरीके से लाभ कमाने के इरादे से छात्रों, अभिभावकों और हितधारकों को धोखा देने के लिए NAAC मान्यता के बारे में झूठे और भ्रामक दावे किए हैं.
Directorate of Enforcement (ED), has arrested Jawad Ahmed Siddiqui, Chairman of Al Falah group, under Section 19 of the Prevention of Money Laundering Act (PMLA), 2002. The arrest took place today following a detailed investigation and analysis of evidence gathered during search…
— ANI (@ANI) November 18, 2025
जांच के दौरान जब्त किए गए सबूत
जांच में करोड़ों रुपये की अपराध आय सामने आई है, जिसे ट्रस्ट द्वारा परिवार के स्वामित्व वाली संस्थाओं में मोड़ा गया था. ED ने 48 लाख से अधिक नकद और डिजिटल सबूत जब्त किए हैं.
जवाद अहमद सिद्दीकी की कंपनियां
जवाद अहमद सिद्दीकी 15 कंपनियों से जुड़े हुए हैं, जिनमें से 9 फिलहाल सक्रिय हैं और ज्यादातर का पता दिल्ली के जामिया नगर इलाके में है. इन कंपनियों में सुफयान, सऊद और शीमा सिद्दीकी समेत कुछ नाम बार-बार सामने आए हैं.
अल-फलाह ट्रस्ट के खिलाफ कानूनी मामले
अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट और उससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ कई कानूनी मामले भी सामने आए हैं. 2022 में SRM एजुकेशनल एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने ट्रस्ट के खिलाफ एक कमर्शियल सूट दाखिल किया था, जिसमें झूठे दस्तावेज़ों और अनुबंध उल्लंघन के आरोप लगाए गए हैं.
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