Nimisha Priya Death Row: भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की तारीख काफी नजदीक आ चुकी है. उन्हें यमन की राजधानी सना में बुधवार को फांसी दी जाएगी. उन्हें बाचने की अभी भी काफी कोशिशें हो रही हैं, लेकिन अब ऐसा लगता है उनकी जान बचाना मुश्किल हो गया है. निमिषा प्रिया पर यमन के एक नागरिक की हत्या का आरोप है. कोर्ट ने उन्हें 16 जुलाई को फांसी देने की सजा सुनाई है.
भारत में निमिषा का परिवार उन्हें बचाने की कोशिश कर रहा है. जिसे लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई. इस दौरान सरकार ने कोर्ट में कहा कि निमिषा प्रिया को बचाने की सभी संभव कोशिशें की जा चुकी हैं. लेकिन उसमें कामयाबी नहीं मिली. सूत्रों की मानें तो निमिषा प्रिया के खिलाफ लगे आरोपों की गंभीरता के चलते उनकी मौत की सजा को टालना बेहद मुश्किल हो गया है. बावजूद इसके निमिषा प्रिया की फांसी रुकवाने के लिए उनका परिवार के अलावा अलग-अलग राजनीति दल और संगठन भी भारत सरकार से अपील कर चुके हैं. उन्होंने केंद्र से मांग की है कि वो कूटनीतिक प्रयासों से निमिषा प्रिया को बचाने की कोशिश करे.
निमिषा प्रिया का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
निमिषा प्रिया के मामले में दायर याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार ने निमिषा को बचाने के लिए डिप्लोमैटिक रास्तों का इस्तेमाल करने के लिए निर्देश देने की मांग की. बता दें कि इस मामले को 10 जुलाई को तत्काल सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत में लाया गया था. इस मामले में वकील सुभाष चंद्रन के.आर. ने कोर्ट में कहा था कि इस मामले में जल्द से जल्द डिप्लोमैटिक रास्तों की तलाश करनी चाहिए.
सोमवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सभी संभावित कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं. केंद्र ने कहा कि यमन से बात करने की एक तय सीमा है, उस सीमा से आगे बढ़कर कुछ नहीं किया जा सकता. सरकार ने कोर्ट में कहा कि सोमवार सुबह साढ़े दस बजे निमिषा की फांसी टालने को लेकर वार्ता हुई है, लेकिन यमन फांसी की सजा टालने के लिए सहमत नहीं है.
निमिषा प्रिया की जान बचना बेहद मुश्किल
यमन के कानून के मुताबिक, मृतक का परिवार ब्लड मनी यानी मौत के बदले पैसे लेकर आरोपी को छोड़ सकता है लेकिन निमिषा के मामले में ये भी रास्ता बंद हो गया है. क्योंकि निमिषा ने जिस यमनी व्यक्ति का कत्ल किया उसका परिवार पहले ही ब्लड मनी लेने से इनकार कर चुका है. यानी निमिषा की फांसी की सजा अब लगभग तय है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने जो कुछ कहा उससे समझा जा सकता है कि निमिषा को बचाने के लिए अब सभी रास्ते बंद हो चुके हैं.
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