हार की हैट्रिक लगाने वाले निखिल को मिल सकती है जेडीएस की कमान, जानें कौन हैं ये?

जेडीएस (जनता दल सेक्युलर) में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा तेज़ हो गई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे और जेडीएस युवा शाखा के अध्यक्ष निखिल कुमारस्वामी को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है।

जेडीएस (जनता दल सेक्युलर) में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा तेज़ हो गई है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के बेटे और जेडीएस युवा शाखा के अध्यक्ष निखिल कुमारस्वामी को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है।

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Ravi Prashant
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Nikhil Kumaraswamy

निखिल कुमारस्वामी Photograph: (ANI)

जेडीएस (जनता दल सेक्युलर) में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा तेज हो गई है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, पूर्व सीएम एच.डी. कुमारस्वामी के बेटे और जेडीएस युवा विंग के अध्यक्ष निखिल कुमारस्वामी को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है. माना जा रहा है कि पार्टी को युवाओं की ओर आकर्षित करने और अपने संगठन को नए सिरे से मजबूत करने के लिए जेडीएस यह कदम उठा सकता है.

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साल 2019 में राजनीति में ली एंट्री

निखिल कुमारस्वामी की राजनीतिक यात्रा बेहद दिलचस्प रही है. राजनीति में आने से पहले वे कन्नड़ फ़िल्म इंडस्ट्री में एक अभिनेता के तौर पर सक्रिय थे. अपनी एंट्री के साथ उन्होंने अलग पहचान भी बनाई, लेकिन परिवार की राजनीतिक विरासत ने उन्हें राजनीति की ओर खींच लिया. साल 2019 में उन्होंने पहली बार मांड्या लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा. यह चुनाव काफी हाई-प्रोफाइल रहा, लेकिन निखिल को हार का सामना करना पड़ा.

साल 2023 विधायकी का चुनाव लड़ा

इसके बाद 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में उन्होंने रामनगर सीट से हाथ आजमाया. यह सीट जेडीएस के लिए आसान मानी जाती थी, लेकिन यहां भी हार मिली. लगातार झटके के बावजूद उन्होंने राजनीति से दूरी नहीं बनाई. अक्टूबर 2024 में चन्नपटना उपचुनाव में फिर मैदान में उतरे, लेकिन इस बार भी जनादेश उनके खिलाफ गया और वे करीब 26 हजार से अधिक वोटों के अंतर से पीछे रह गए.

पार्टी को लेकर भरोसा कम नहीं हुआ

हालांकि बार-बार हार के बावजूद निखिल को लेकर पार्टी नेतृत्व का भरोसा कम नहीं हुआ है. माना जा रहा है कि पार्टी उनका उपयोग युवाओं से जुड़ाव बढ़ाने और संगठन को नई दिशा देने के लिए करना चाहती है. जेडीएस पहले ही बीजेपी के साथ गठबंधन कर राष्ट्रीय राजनीति में भी अपनी जगह तलाश रही है. ऐसे में युवा नेतृत्व पार्टी के लिए भविष्य की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.

निखिल अध्यक्ष बनते हैं तो क्या होगा? 

पार्टी में हुई हालिया बैठकों और संगठनात्मक बदलावों को देखते हुए यह भी साफ है कि अगले कुछ महीनों में जेडीएस अपने आधार को नए तरीके से पुनर्जीवित करने की तैयारी में है. निखिल को अध्यक्ष बनाने का फैसला अगर होता है, तो यह न केवल परिवारवाद की बहस को फिर से गर्म करेगा, बल्कि यह भी तय करेगा कि हार के बाद भी क्या युवा नेतृत्व पार्टी को नई ऊर्जा दे पाएगा. अब निगाहें जेडीएस की आधिकारिक घोषणा पर टिकी हैं. क्या निखिल कुमारस्वामी वाकई पार्टी अध्यक्ष बनेंगे? आने वाले दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी.

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