Pahalgam Terrorist Attack: पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले की तह तक जाने के क्रम में जांच एजेंसियों को एक बड़ा सुराग हाथ लगा है. सूत्रों के अनुसार, इस हमले की साजिश के पीछे अल उमर मुजाहिदीन नामक आतंकी संगठन के सरगना मुश्ताक अहमद जरगर का नाम प्रमुख रूप से सामने आया है. गौरतलब है कि जरगर वही आतंकी है, जिसे 1999 के कंधार विमान अपहरण मामले में छोड़ा गया था. वर्तमान में वह पाकिस्तान में रह रहा है.
क्या पहलगाम आतंकी हमले के पीछे जरगर?
NIA के इनपुट्स के अनुसार, हमले की योजना जरगर ने कश्मीर में मौजूद अपने ओवर ग्राउंड नेटवर्क (OGWs) के जरिए तैयार करवाई. इन नेटवर्क से जुड़े कुछ लोगों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में जरगर का नाम खुलकर सामने आया है. कहा जा रहा है कि जरगर ने श्रीनगर और पहलगाम के लोकल नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए हमले को अंजाम तक पहुंचाया.
90 से अधिक लोगों के ऊपर कार्रवाई
भारत सरकार ने पहले ही अल उमर मुजाहिदीन को एक आतंकी संगठन घोषित कर उस पर पाबंदी लगा रखी है. साल 2023 में NIA ने जरगर की श्रीनगर स्थित संपत्ति भी जब्त की थी. इसके बावजूद वह घाटी में अपने ओवर ग्राउंड वर्कर्स के जरिए एक्टिव है, जिससे यह साफ होता है कि उसकी पकड़ अब भी मजबूत है. सूत्रों के मुताबिक, NIA और दूसरी एजेंसियों ने अब तक 100 से अधिक OGWs के ठिकानों पर छापेमारी की है. साथ ही 90 से अधिक लोगों पर कानूनी कार्यवाही भी शुरू की जा चुकी है.
सुरक्षा एजेंसियों की पैनी नजर
NIA स्थानीय खुफिया इकाइयों के साथ मिलकर पहलगाम सहित कई संवेदनशील इलाकों में संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है. कुछ विशेष स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी को और मजबूत किया गया है, जिससे किसी भी नई साजिश को समय रहते नाकाम किया जा सके.
क्यों करवाया ऐसा आतंकी हमला?
यह हमला उस वक्त हुआ जब घाटी में टूरिज्म सीजन की शुरुआत हो चुकी थी और पर्यटक बड़ी संख्या में पहलगाम की ओर रुख कर रहे थे. माना जा रहा है कि इस हमले का उद्देश्य घाटी की शांति को भंग करना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को प्रभावित करना था. NIA, IB और जम्मू-कश्मीर पुलिस मिलकर इस पूरी साजिश की परत दर परत खोलने में जुटी हैं.
आगे क्या होने वाला है?
अब NIA की नजर जरगर के पाकिस्तान में मौजूद संपर्कों, वित्तीय सहायता के स्रोतों और कश्मीर में फैले उसके नेटवर्क पर टिकी है. आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां और बड़े खुलासे संभव हैं. जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि जल्द ही पूरे नेटवर्क का खुलासा कर इसे पूरी तरह नेस्तनाबूद किया जा सकेगा.
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