अमृत महोत्सव सरकार या राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं : प्रधानमंत्री मोदी
अमृत महोत्सव सरकार या राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं : प्रधानमंत्री मोदी
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में देश में चल रहे अमृत महोत्सव कार्यक्रम को भारतीयों का कार्यक्रम बताया है। उन्होंने कहा है कि यह किसी सरकार या राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृत महोत्सव किसी सरकार का कार्यक्रम नहीं, किसी राजनीतिक दल का कार्यक्रम नहीं, यह कोटि-कोटि भारतवासियों का कार्यक्रम है। हर स्वतंत्र और कृतज्ञ भारतीय का अपने स्वतंत्रता सेनानियों को नमन है और इस महोत्सव की मूल भावना का विस्तार तो बहुत विशाल है -ये भावना है, अपने स्वाधीनता सेनानियों के मार्ग पर चलना, उनके सपनों का देश बनाना।
उन्होंने कहा, जैसे, देश की आजादी के मतवाले, स्वतंत्रता के लिए एकजुट हो गए थे, वैसे ही हमें देश के विकास के लिए एकजुट होना है। हमें देश के लिए जीना है, देश के लिए काम करना है, और इसमें, छोटे- छोटे प्रयास भी बड़े नतीजे ला देते हैं। रोज के कामकाज करते हुए भी हम राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं, जैसे, वोकल फॉर लोकल।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा, इस बार 15 अगस्त को देश अपनी आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है। ये हमारा बहुत बड़ा सौभाग्य है कि जिस आजादी के लिए देश ने सदियों का इंतजार किया, उसके 75 वर्ष होने के हम साक्षी बन रहे हैं। आपको याद होगा, आजादी के 75 साल मनाने के लिए, 12 मार्च को बापू के साबरमती आश्रम से अमृत महोत्सव की शुरुआत हुई थी। इसी दिन बापू की दांडी यात्रा को भी पुनर्जीवित किया गया था, तब से, जम्मू-कश्मीर से लेकर पुडुचेरी तक, गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर तक, देश भर में अमृत महोत्सव से जुड़े कार्यक्रम चल रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कई ऐसी घटनाएं, ऐसे स्वाधीनता सेनानी, जिनका योगदान तो बहुत बड़ा है, लेकिन उतनी चर्चा नहीं हो पाई - आज लोग, उनके बारे में भी जान पा रहे हैं। अब, जैसे, मोइरांग डे को ही लीजिए! मणिपुर का छोटा सा कस्बा मोइरांग, कभी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की इंडियन नेशनल आर्मी यानी आईएनए का एक प्रमुख ठिकाना था। यहां, आजादी के पहले ही, आईएनए के कर्नल शौकत मलिक ने झंडा फहराया था। अमृत महोत्सव के दौरान 14 अप्रैल को उसी मोइरांग में एक बार फिर तिरंगा फहराया गया। ऐसे कितने ही स्वाधीनता सेनानी और महापुरुष हैं, जिन्हें अमृत महोत्सव में देश याद कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार और सामाजिक संगठनों की तरफ से भी लगातार इससे जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक आयोजन इस बार 15 अगस्त को होने जा रहा है, ये एक प्रयास है - राष्ट्रगान से जुड़ा हुआ। सांस्कृतिक मंत्रालय की कोशिश है कि इस दिन ज्यादा-से-ज्यादा भारतवासी मिलकर राष्ट्रगान गाएं, इसके लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई है - राष्ट्रगानडॉटइन। इस वेबसाइट की मदद से आप राष्ट्रगान गाकर, उसे रिकॉर्ड कर पाएंगे, इस अभियान से जुड़ पाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा, हमारे देश के स्थानीय उद्यमियों, आर्टिस्टों, शिल्पकारों, बुनकरों को सपोर्ट करना, हमारे सहज स्वभाव में होना चाहिए। 7 अगस्त को आने वाला नेशनल हैंडलूम डे, एक ऐसा अवसर है जब हम प्रयास पूर्वक भी ये काम कर सकते हैं। नेशनल हैंडलूम डे के साथ बहुत ऐतिहासिक पृष्ठभूमि जुड़ी हुई है। इसी दिन, 1905 में, स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत हुई थी।
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