Yaas Cylone छोड़कर गया तबाही के निशान, उबरने में लगेंगे 2 महीने
तूफान के बाद राहत कार्य के लिए सेना, नौसेना और एनडीआरएफ की टीमें मिलकर लोगों की मदद करने में लगी हैं. गांवों से पानी निकाला जा रहा है. सभी रास्तों को भी खोलने का काम तेजी के साथ किया जा रहा है.
highlights
- यास तूफान से हर तरफ तबाही के निशान
- सेना-NDRF कर रही लोगों की मदद
- यास के नुकसान से बाहर निकलने में लगेंगे 2 महीने
नई दिल्ली:
बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान यास (Yaas Cyclone) ने भारी तबाही मचाई है. यास के तांडव से सैकड़ों तटीय गांवों में पानी भर गया और लाखों घर उजड़ गए. इससे पश्चिम बंगाल में तीन और ओडिशा में एक व्यक्ति की मौत हो गई. सिर्फ बंगाल में ही यास से एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं. लगातार बारिश से ओडिशा-बंगाल के कई जिले जलमग्न हैं. नदियों का जलस्तर बढ़ गया और सैकड़ों तटबंध टूट गए. राहत एवं बचाव दल लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने में जुटे हैं. तूफान के बाद राहत कार्य के लिए सेना, नौसेना और एनडीआरएफ की टीमें मिलकर लोगों की मदद करने में लगी हैं. गांवों से पानी निकाला जा रहा है. सभी रास्तों को भी खोलने का काम तेजी के साथ किया जा रहा है.
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चक्रवाती तूफान यास (Yaas Cyclone) से हुए नुकसान का जायजा लेने न्यूज नेशन के संवाददाता चांदीपुर समुद्र तट का सबसे निकटवर्ती गांव बलरामगढ़ी पहुंचे और वहां के मछुआरों से बात की. जहां मछुआरों ने बताया कि यास चक्रवात तो गुजर गया है, लेकिन इस तूफान से हुए नुकसान से उभरने में उन्हें काफी वक्त लगेगा. मछुआरों के अनुसार तूफान की वजह से उनकी नावें पूरी तरह से तबाह हो चुकी हैं. जिनको सही कराने में कम से कम 2-3 महीने का समय लग जाएगा. मछुआरे के हिसाब से यास तूफान की वजह से उनका रोजगार पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है.
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रभावित परिवारों के लिए सात दिन की राहत की घोषणा की. पटनायक ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि चक्रवात से प्रभावित सभी प्रमुख सड़कों की मरम्मत की जाए और अगले 24 घंटों के भीतर प्रभावित जिलों में 80 प्रतिशत बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाए.
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विशेष राहत आयुक्त (SRP) ने कहा कि उन 128 गांवों के लोगों को सात दिनों तक पका हुआ भोजन या खाना पकाने की सामग्री और सूखा भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. SRP ने मीडिया को बताया कि स्थानीय पंचायत निकाय और ब्लॉक स्तर के अधिकारी इसकी व्यवस्था करेंगे. इन गांवों से सड़क संपर्क टूटा हुआ है क्योंकि इन्हें जोड़ने वाली सड़कों पर पानी अभी भी बह रहा है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास विभागों की 605 सड़कों में से 495 का मरम्मत का कार्य किया जा रहा है, जबकि शेष का कार्य 24 घंटे में पूरा कर लिया जाएगा
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