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LJP कोटे से पशुपति पारस को कैबिनेट में जगह मिली तो कोर्ट जाउंगाः चिराग

चिराग ने कहा कि मुझे अगर ऐसे शर्तों पर मंत्री बनना होता तो मैं कभी मंत्री बनना कबूल नहीं करता. चाचा ने मेरे पिता रामविलास पासवान के विचारों को पांव तले कुचलने कर एक अलग गुट बनाने का काम किया. पार्टी ने इन सभी को निष्कासित कर दिया है.

Updated on: 06 Jul 2021, 05:20 PM

highlights

  • चिराग पासवान का चाचा पशुपति पारस पर हमला
  • मंत्रिपद के लालच में चाचा ने परिवार की खिलाफत की
  • नीतीश कुमार की गोद में जा बैठे हैं चाचा पशुपति पारस

नई दिल्ली:

बिहार में आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत कर चुके एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने आज अपने चाचा पशुपति पारस के ऊपर जोरदार हमला बोला है. चाचा पारस के ऊपर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोलते हुए चिराग पासवान ने कहा है कि मंत्री बनने के लालच में चाचा ने परिवार को भुला दिया. चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार ने पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान को अपमानित करने का काम किया है लेकिन चाचा आज उन्हीं की गोद में जाकर बैठे हुए हैं. लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि मंत्री पद इतना बड़ा नहीं हो सकता कि उसके लिए पार्टी और परिवार को छोड़ दिया जाए. चिराग ने कहा कि मुझे अगर ऐसे शर्तों पर मंत्री बनना होता तो मैं कभी मंत्री बनना कबूल नहीं करता. चाचा ने मेरे पिता रामविलास पासवान के विचारों को पांव तले कुचलने कर एक अलग गुट बनाने का काम किया. पार्टी ने इन सभी को निष्कासित कर दिया है.

पिछले कुछ दिनों से लोजपा में एक हलचल 5 सांसदों ने पार्टी और संस्थापक के विचारों को कुचलते हुए एक अलग गुट बना लिया है. इन अलग गुटों को पार्टी से निष्काषित किया जा चुका है. इन लोगो ने महज एक औपचारिकता पूरी करके नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया. पारस गुट ने जो राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक बुलाई वो वैद्य नही है. ये लोग रामविलास जी के हर फैसले का विरोध कर रहे है. 95 प्रतिशत से ज्यादा पार्टी के लोग हमारे साथ और सारे लोग वो है जिनको मेरे पिता ने नियुक्त किया महज 10-12 लोगों को मैंने नियुक्त किया. अकेले चुनाव लड़ने का फैसला मेरे पिता का था न कि मेरा, लेकिन अब वो कह रहे है कि अकेले चुनाव लड़ने का फैसला चिराग का है. मेरे पिता ने खुद मेरे चाचा को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया था और मेरे भाई प्रिंस राज को प्रदेश अध्यक्ष बनाया. आप जो नीतीश कुमार के साथ है वही नीतीश कुमार ने मेरे पिता के राजनीतिक जीवन की हत्या की है. हमारे नेता रामविलास जी की बढ़ते कद को गिराने के लिए नीतीश कुमार ने क्या कुछ नही किया. 

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जब देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति,सारे राज्य के मुख्यमंत्री मुझसे मेरे पिता का हाल पूछ रहे थे तब नीतीश कुमार ने कहा था मुझे मालूम नहीं. कल जिस तरह से प्रधानमंत्री, पक्ष विपक्ष ने हमारे नेता को याद किया लेकिन बस एक व्यक्ति और उनके दल ने चुप्पी साधे रखा वो है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार. मैं अपने चाचा से कहना चाहता हु क्या आप मेरे पिता अपने भाई के अपमान को भूल गए और जिन्होंने अपमान किया आप उनके सामने जा कर झुक गए है नतमस्तक हो गए. मेरे नेता ने आज तक किसी प्रकार का समझौता नही किया और मैं भी किसी प्रकार का समझौता नही करूंगा. 2020 में हमारी सरकार आती अगर पुलिस प्रशासन का दुरुपयोग नही होता. जो लोग आज की तारीख में मुख्यमंत्री के साथ खड़े है उन्हें बताना चाहूंगा इन्ही मुख्यमंत्री ने मेरे पिता का राजनीतिक वध किया और मेरे पिता ही नही जो भी दलित आगे बढ़ना चाहता उनको नीतीश कुमार आगे बढ़ने से रोक देते है. जब हमे बिहार विधानसभा चुनाव के वक़्त 15 सीट मिल रही थी तब मुझे छोड़ कर सभी को अपने करीबियों के टिकट न मिलने की चिंता थी और आज मंत्रीपद के लिए. 

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रामविलास पासवान का बेटा हु शेर का बेटा हूं उन्हीं के संस्कार हैं मुझमें न मेरे पिता ने समझौता किया न मैं करूंगा. मेरी लड़ाई बिहारी अस्मिता के खिलाफ बोलने वालों से है बिहारियों को बाहर में बिहारी बिहारी बोल कर लाठी मारी जाती है मेरी लड़ाई उसको लेकर है. मुख्यमंत्री जी जब 3 बार मुख्यमंत्री बने उसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय से ज्यादा पार्टी कार्यालय में ज्यादा वक्त बिताया है लोगों को जोड़ रहे है लव कुश शमिकरण साध रहे है. मेरे पापा जहाँ कही भी होंगे ये सब देख कर खुश तो नही होंगे जाते जाते उन्होंने कहा था चाहे कुछ भी हो जाये नीतीश कुमार जी के साथ मत जाना लेकिन मेरे चाचा आज उनके साथ खड़े है लेकिन वो देख रहे होंगे कि उनका बेटा उनकी विचारधारा पे खड़ा है. मेरे पिता ने कहा था अगर सच हो बेटा तो किसी से डरना नहीं.