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Christmas 2019 : क्यों हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है क्रिसमस, जानें यहां

क्रिसमस का त्योहार हर साल 25 दिसंबर को बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है. ईसाई धर्म के लोगों का यह प्रमुख त्योहार है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन ईसा मसीह का का जन्म हुआ था.

Updated on: 24 Dec 2019, 08:09 AM

नई दिल्ली:

क्रिसमस का त्योहार हर साल 25 दिसंबर को बड़े ही उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है. ईसाई धर्म के लोगों का यह प्रमुख त्योहार है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन ईसा मसीह का का जन्म हुआ था. इस त्योहार में लोग क्रिसमस के पेड़ को सजाते हैं. इसके साथ ही बच्चों और एक दूसरे को उपहार बांटते हैं. बच्चों में इस त्योहार को लेकर विशेष उत्साह देखने को मिलता है. क्योंकि सांता क्लॉस इस दिन उन्हें त्योहार देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिसमस क्यों मनाया जाता है? (Why Christmas Celebrated on the 25th December)

ईसाई धर्म के लोग इस दिन को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं. हालांकि शुरुआत में ईसा मसीह के जन्म दिवस को लेकर ईसाई समुदाय में मतभेद था. क्योंकि इनकी जन्म की तारीख के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन 360 ईस्वी के आस-पास रोम के एक चर्च में ईसा मसीह के जन्मदिन को मनाया गया. लेकिन अभी भी क्रिसमस मनाने की तरीखों को लेकर मतभेद रहा. लंबी बहस और विचार विमर्श के बाद चौथी शताब्दी में 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्मदिवस घोषित किया गया. लेकिन इसके बाद भी इसे प्रचलन में आने में समय लगा. 1836 में अमेरिका में क्रिसमस को कानूनी मान्यता मिली और 25 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया.

सांता क्लाज की कहानी

क्रिसमस पर बच्चों को सबसे ज्यादा इंतजार सांता क्लाज का रहता है. इसकी भी एक कहानी है. संत निकोलस का जन्म 340 ईस्वी की 6 दिसंबर को हुआ था. मान्यता है कि संत निकोलन बच्चों को उपहार लेकर आते हैं. यही संत निकोलस बाद में सांता क्लॉज बन गए. बताया जाता है कि बचपन में ही इनके माता पिता का देहांत हो गया था. बड़े होने के बाद वह एक पादरी बन गए. उन्हें लोगों की मदद करना काफी पसंद था. कहा जाता है कि वह रात में बच्चों को इस लिए गिफ्ट देते थे ताकि कोई उन्हें देख न सके.

क्या है क्रिसमस ट्री की कहानी

क्रिसमस ट्री की शुरुआत उत्तरी यूरोप में कई हजार साल पहले हुई थी. उस वक्त फेयर नाम के एक पेड़ को सजाकर विंटर फेस्टिवल मनाया जाता था. धीरे-धीरे क्रिसमस ट्री का चलन बढ़ने लगा. हर कोई इस मौके पर पेड़ लगाने लगा. एक कहानी और है कि ईसा मसीह के जन्म के वक्त सभी देवताओं ने सदाबहार वृष को सजाया. तभी से इस पेड़ को क्रिसमस ट्री के नाम से जाना जाता है.