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12 से 14 साल के 7.5 करोड़ बच्चों को कब लगेगी वैक्सीन, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कही यह बात 

भारत में 12-14 वर्ष के आयु वर्ग में अनुमानित आबादी 7.5 करोड़ है जिन्हें कोविड वैक्सीन जी जाएगी. भारत ने पिछले साल 16 जनवरी को कोविड-19 के खिलाफ अपना टीकाकरण अभियान शुरू किया था.

Updated on: 18 Jan 2022, 10:16 AM

highlights

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- अभी इस पर फैसला नहीं
  • भारत में 12-14 वर्ष के आयु वर्ग में अनुमानित आबादी 7.5 करोड़
  • 15-18 आयु वर्ग के 3.5 करोड़ से अधिक किशोरों को कोविड खुराक दी गई

नई दिल्ली:

Immunisation between 12 to 14 years : देश में 12-14 साल के बच्चों के टीकाकरण पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health ministry) ने स्पष्ट कर दिया है कि अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है. हालांकि एक दिन पहले स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. एनके अरोड़ा ने उम्मीद जताई थी कि मार्च महीने में टीकाकरण (immunisation) अभियान शुरू हो सकता है. भारत में 12-14 वर्ष के आयु वर्ग में अनुमानित आबादी 7.5 करोड़ है जिन्हें कोविड वैक्सीन जी जाएगी. भारत ने पिछले साल 16 जनवरी को कोविड-19 के खिलाफ अपना टीकाकरण अभियान शुरू किया था. देश में तब से लेकर अब तक कोविड-19 टीकों की 157 करोड़ खुराक लगा चुकी है. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm Narendra modi) ने पिछले साल 25 दिसंबर को देश में 3 जनवरी से 15-18 आयु वर्ग के किशोरों का टीकाकरण शुरू करने का ऐलान किया था. 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने रविवार को एक ट्वीट में कहा कि 15-18 आयु वर्ग के 3.5 करोड़ से अधिक किशोरों को कोविड-19 टीकों की पहली खुराक दी गई है. वर्तमान में, दो कोविड-19 टीकों को 12 साल और उससे बच्चों के लिए भारत बायोटेक के कोवैक्सिन और ज़ायडस कैडिला के ZyCoV-D वैक्सीन की केंद्र सरकार की ओर मंजूरी दी गई है. इस बीच, देश भर में स्वास्थ्य सेवा और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को कोविड-19 टीकों की प्रिकॉशनरी डोज दी जा रही है. 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोग भी कोमोरबिडिटी के साथ एक प्रिकॉशनरी डोज लेने के लिए पात्र हैं.

Covaxin 2-17 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए सुरक्षित

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामे में कहा है, कोविड-19 टीकाकरण मौजूदा महामारी की स्थिति के संदर्भ में व्यापक जनहित के लिए है. हलफनामे में कहा गया है, मीडिया के विभिन्न माध्यमों से इसका प्रचार, सलाह और संचार किया जा रहा है कि सभी नागरिकों को टीकाकरण करवाना चाहिए. हैदराबाद स्थित यशोदा अस्पताल में इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी विभाग के सलाहकार डॉ. विश्वेश्वरन बालासुब्रमण्यम ने इस फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में 5 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी बच्चा टीकाकरण के लिए पात्र है. डॉ. बालासुब्रमण्यम ने आगे कहा कि कोवैक्सिन को क्लिनिकल टेस्टिंग में 2-17 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए सुरक्षित पाया गया है. आबादी का यह वह वर्ग है जो पहले से ही अपने सामान्य जीवन में है जैसे कि स्कूल, कॉलेज जाना या परिवहन के बड़े पैमाने का उपयोग करना और वे अक्सर एक-दूसरे के साथ घुलमिल जाते हैं. इसलिए, उन्हें संक्रमित होने और इसे प्रसारित करने का अधिक खतरा होता है.

बच्चों में टीकाकरण शुरू करना सकारात्मक कदम

हैदराबाद स्थित यशोदा अस्पताल में संक्रामक रोग विभाग की सलाहकार डॉ. मोनालिसा साहू ने कहा, 12-14 आयु वर्ग में भी लगभग 7.5 करोड़ बच्चे हैं और उनका टीकाकरण एक स्वागत योग्य कदम है. यह एक सकारात्मक कदम है क्योंकि जैसे-जैसे अधिक से अधिक लोग टीकाकरण करेंगे, वे संक्रमण से बचाव करने में सक्षम होंगे. आकाश हेल्थकेयर की डॉ. परमिता कौर ने कहा, अब पिछले कुछ महीनों में हमने देखा है कि टीकाकरण वाले व्यक्तिों की ओर से संक्रमण के प्रति बेहतर रिस्पांस मिल रहे हैं. ठीक होने में उनके दिनों की संख्या कम हो गए हैं. डॉ. कौर ने आगे कहा, जब डेल्टा वैरिएंट आया, तो टीका लगाने वाले रोगियों में हल्का संक्रमण देखा गया. इसलिए, बच्चों के लिए टीकाकरण शुरू करना एक सकारात्मक कदम है जो अधिक लोगों को इम्यूनिटी प्राप्त करने में सक्षम करेगा.