National Herald case: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) गुरुवार को ईडी के समन पर ईडी कार्यालय पहुंची. ईडी के अफसरों ने सोनिया गांधी से 3 घंटे तक पूछताछ की. इसके बाद ईडी ने उन्हें जाने की इजाजत दे दी. इस बीच कांग्रेस पार्टी ने उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें कहा गया था कि ईडी ने सोनिया गांधी को इस लिए घर भेज दिया था, क्योंकि सोनिया गांधी ने छोड़ने का अनुरोध किया था, क्योंकि वह सीओवीआईडी -19 से पीड़ित हैं. कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि सोनिया गांधी को घर इसलिए भेजा गया, क्योंकि पूछताछ खत्म हो गई थी और ईडी के पास पूछने के लिए कुछ बचा ही नहीं था. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने ईडी के अफसरों से कहा कि वह जब चाहें ईडी कार्यालय में मौजूद होने को तैयार हैं. गौरतलब है कि ईडी ने सोनिया गांधी को फिर से पूछताछ के लिए 25 जुलाई को बुलाया है.
सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ की जानकारी देते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि पूछताछ के दौरान ईडी के अधिकारियों ने खुद उन्हें जाने की अनुमति दी, क्योंकि उनके पास पूछने के लिए और कुछ था ही नहीं. उन्होंने कहा कि जब ईडी के अफसरों ने सोनिया गांधी को जाने के लिए कहा तो कांग्रेस अध्यक्ष ने जवाब दिया कि वे उनसे जितने चाहें उतने सवाल पूछ सकते हैं. लेकिन, ईडी के पास कोई और सवाल था ही नहीं, लिहाजा ईडी ने 3 घंटे की पूछताछ के बाद सोनिया गांधी को घर जाने की इजाजत दे दी.
पूछताछ के खिलाफ कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को दिल्ली स्थित ईडी दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया था. लिहाजा, सोनिया गांधी जेड+ श्रेणी की सुरक्षा के साथ बुधवार को ईडी दफ्तर अपने दोनों बच्चों राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ पहुंची. वहीं, सोनिया गांधी से पूछताछ के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने विरोध-प्रदर्शन किया. कांग्रेस सांसदों ने संसद के गेट-1 पर प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने 'सत्यमेव जयते' और 'सच ना डरा है, ना डरेगा' के पोस्टर पकड़े हुए थे. इसके अलावा देशभर में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष से पूछताछ के खिलाफ प्रदर्शन किया.
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ED दफ्तर बुलाने पर गहलोत ने जताई नाराजगी
सोनिया गांधी को ईडी दफ्तर में बुलाकर पूछताछ से नाराज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि इस सरकार को इतनी भी शर्म नहीं आती है कि आप किस महिला से किस रूप में व्यवहार कर रहे हैं. ED वाले उनके घर जाकर बयान ले सकते थे. कई बार घर जाते हैं बयान देते हैं, मोतीलाल वोरा के बयान लिए थे घर जाकर. गहलोत ने कहा कि पर उनका रवैया बहुत ही निम्न स्तर का है, उनको चिंता ही नहीं है कि देश क्या सोच रहा होगा. हम जानते हैं और मानते हैं कानून सबके लिए समान होता है, लेकिन इनके शासन में कानून सबके लिए समान नहीं है. इनके लिए जो NDA में आता है या BJP ज्वाइन कर लेता है, उसके लिए कानून बदल जाता है, जो 2 कानून बना रहे हैं विपक्ष के लिए अलग है और इनके खुद के लिए अलग है. इस प्रकार आज ये मुल्क चल रहा है. उन्होंने कहा कि उनका टारगेट सीधे-सीधे विपक्ष है. पहले कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते थे, अब उनकी मंशा विपक्ष मुक्त भारत बनाने की है. ये चाहते हैं कि देश के अंदर डिक्टेटरशिप होना चाहिए और उसी दिशा में ये देश जा रहा है, लिहाजा हर देशवासी को चिंता होनी चाहिए.
Source : News Nation Bureau