पीएम मोदी (PM Modi) ने देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) के बीच आज रात 8 बजे एक बार फिर देश के संबोधित किया. उन्होंने इस दौरान कई राहत पैकेज की भी घोषणा की. इस दौरान उन्होंने 20 लाख करोड़ राहत पैकेज का ऐलान किया. साथ ही उन्होंने Y2K संकट का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि कैसे भारत ने दुनिया को Y2K संकट से निकाला था. वही वक्त फिर इस बार आ गया है. आत्मनिर्भर भारत का दौर चल रहा है. हमारे पास टैलेंट का कोई अभाव नहीं है. आत्मनिर्भर भारत से हम कोरोना से जीत पाएंगे.
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क्या है Y2K संकट
दुनिया के सामने एक ऐसा वक्त आया था, जब ये मान लिया गया कि इससे पूरी दुनिया में कंप्यूटर संचार तंत्र प्रभावित हो जाएगा और कंप्यूटर खत्म हो जाएंगे. जब पूरा संसार 20वीं सदी से 21वीं सदी में प्रवेश कर रहा था. नई सदी में प्रवेश लोगों में उत्साह लेकर आया, लेकिन अचानक ही वो खुशी कहीं उड़ गई. Y2K बग, जो ये मानने को तैयार नहीं था कि 20वीं सदी अब खत्म हो चुकी है. इसने पूरे संसार के कंप्यूटर नेटवर्क को इसी गलतफहमी का शिकार बनाए रखा. ये समस्या केवल तब तक रही, जब तक भारतीय कंप्यूटर इंजीनियरों ने ऐसे कंप्यूटरों को 21वीं सदी का बनाकर नहीं छोड़ा. इसके पीछे भारतीयों का अथाह परिश्रम और मेहनत थी.
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भारतीय इंजीनियरों ने अमेरिका के ठप हो चुके नेटवर्क में जान फूंकने का काम किया था
Y2K बग और कैसे भारतीय इंजीनियरों ने अमेरिका के ठप हो चुके नेटवर्क में जान फूंकने का काम किया था. इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटिंग के प्रारंभिक दौर के बाद लगभग पूरी दुनिया में कंप्यूटर सिस्टम में साल को प्रदर्शित करने के लिए 4 की जगह पर 2 अंकों का प्रयोग ही होता था. Y2K का वाई साल (ईयर) को प्रदर्शित करता है, तो वहीं 2के 2000 को. सन 1999 खत्म होकर 2000 की शुरूआत होने वाली थी, लेकिन दुनियाभर के कंप्यूटर सिस्टम 31 दिसंबर, 1999 से आगे का साल बदल पाने में सक्षम नहीं थे. लेकिन भारत ने पूरी दुनिया को इस संकट से निकाला.