जानिए क्या है बोफोर्स घोटाला, आख़िर क्यों दोबारा आया चर्चा में...
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने दावा किया कि राफेल लड़ाकू विमान सौदा बोफोर्स से भी बड़ा घोटाला है।
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार राफेल लड़ाकू विमान सौदे में कांग्रेस द्वार लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को पूरी तरह गलत करार दे रही है। केंद्र सरकार का कहना है कि विमान के साथ लगने वाले हथियारों और भारत केंद्रित अनुकूलन के साथ विमान की कीमत यूपीए सरकार द्वारा तय किए गए सौदे से कम से कम 20 फीसदी कम है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने दावा किया कि राफेल लड़ाकू विमान सौदा बोफोर्स से भी बड़ा घोटाला है।
आइए जानते हैं कि बोफोर्स घोटाला क्या है?
दरअसल साल 1987 में स्वीडन की रेडियो ने खुलासा करते हुए बताया था कि स्वीडन की हथियार कंपनी बोफोर्स ने भारतीय सेना को तोप की सप्लाई करने का सौदा हासिल करने के लिये 80 लाख डालर की दलाली चुकायी थी। बता दें कि उस समय राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी। बता दें कि उस समय 1.3 अरब डालर में कुल चार सौ बोफोर्स तोपों की खरीद का सौदा हुआ था।
और पढ़ें- जानिये क्या है राफेल सौदा और इससे जुड़े वाद-विवाद...
आरोप था कि गांधी परिवार के नजदीकी बताये जाने वाले इतालवी व्यापारी ओत्तावियो क्वात्रोक्की ने डील करवाने में बिचौलिये की भूमिका अदा की थी और इसके एवज में बड़ा हिस्सा भी लिया था। बताया जाता है कि कथित तौर पर स्वीडन की हथियार कंपनी बोफोर्स ने भारत के साथ सौदे के लिए 1.42 करोड़ डालर की रिश्वत बांटी थी।
इसी मुद्दे को लेकर 1989 में राजीव गांधी की सरकार चली गयी थी और विश्वनाथ प्रताप सिंह राजनीति के नए नायक के तौर पर उभर कर सामने आए। हालांकि विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार भी बोफोर्स दलाली का सच सामने लाने में विफल रही।
इस मुद्दे को लेकर काफी समय तक अभियुक्तों की सूची में राजीव गांधी का नाम भी आता रहा लेकिन उनकी मौत के बाद फाइल से नाम हटा दिया गया। बाद में इस मामले की जांच सीबीआई टीम को सौंपी गई। जोगिन्दर सिंह के सीबीआई चीफ रहते जांच काफी आगे भी बढ़ी लेकिन उनके हटते ही जांच ने दूसरी दिश पकड़ ली।
और पढ़ें- Bharat Bandh: भारत बंद के कारण 12 ट्रेन कैंसिल, पटरियों पर कार्यकर्ताओं ने की आगजनी
इस बीच दावा किया गया था कि मामले में मुख्य आरोपी क्वात्रोक्की को प्रत्यर्पण कर भारत लाकर अदालत में पेश करते ही मामले का निबटारा हो जाएगा लेकिन बाद में सबूत के आभाव में उसे भी राहत मिल गई।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट