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इस्लामी आतंकी हैं ममता बनर्जी, योगी के मंत्री बोले - बांग्लादेश के इशारे पर काम कर रहीं दीदी

आनंद स्वरूप शुक्ला ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस्लामी आतंकवादी करार दिया और कहा कि बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद बनर्जी को बंग्लादेश में शरण लेनी पड़ेगी.

Updated on: 18 Jan 2021, 10:26 AM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के मंत्री आनन्द स्वरूप शुक्ला (Anand Swaroop Shukla) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) पर एक विवादित टिप्पणी की है. आनंद स्वरूप शुक्ला ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस्लामी आतंकवादी करार दिया और कहा कि बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद बनर्जी को बंग्लादेश में शरण लेनी पड़ेगी. उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने कहा कि ममता बनर्जी का भारतीयता में कोई विश्वास नहीं है. वह इस्लामी आतंकवादी हैं और उन्होंने पश्चिम बंगाल में हिन्दू देवी-देवताओं को अपमानित करने और मंदिरों को तोड़ने का कार्य किया है। वह बांग्लादेश के इशारे पर चल रही हैं. 

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योगी सरकार के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला सिर्फ यही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की बुरी तरह से पराजय होगी तथा चुनाव के बाद उन्हें बांग्लादेश में शरण लेनी पड़ेगी. शुक्ला ने कहा कि 'भारत माता की जय' और 'वन्दे मातरम' बोलने वाले मुसलमानों का ही भारत में सम्मान होगा.  एक अन्य मामले में भाजपा ने टीएमसी के कई कार्यकर्ताओं पर कोरोना वायरस का टीका लगवाने का आरोप भी लगाया जो स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मियों के लिए था. इस वजह से राज्य में टीके की खुराकें कम पड़ गईं. 

उल्लेखनीय है कि पूर्व बर्द्धमान जिले में दो विधायकों समेत कई टीएमसी नेताओं को शनिवार को टीका लगाया गया है। शनिवार को ही कोरोना वायरस के खिलाफ राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था. इस पर प्रदेश भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो टीके भेजे थे, वे स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के अन्य कर्मियों के लिए थे जो महामारी में समाज की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देशभर में करीब साढ़े तीन करोड़ शीशियां भेजी हैं. ये खुराकें राजनीतिक नेताओं के लिए नहीं थी. 

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घोष ने पत्रकारों से कहा कि अगर टीका टीएमसी नेताओं को लगाया गया है तो (खुराकों की) कमी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि टीएमसी के कुछ नेताओं को अपनी जिंदगी का इतना डर है कि वे नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. बता दें कि केंद्र सरकार का लक्ष्य पहले चरण में तीन करोड़ से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर डटे कर्मियों को मुफ्त टीका लगाने का है.