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कृषि मंत्री तोमर ने फिर दोहराया, हम किसानों से बातचीत के लिए तैयार, भेजे प्रस्ताव

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. वहीं मोदी सरकार किसानों को मनाने की पूरी कोशिश में लगी हुई है. इसी के तहत केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम वार्ता के लिए तैयार हैं. 

Updated on: 14 Dec 2020, 11:45 PM

नई दिल्ली :

कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. वहीं मोदी सरकार किसानों को मनाने की पूरी कोशिश में लगी हुई है. इसी के तहत केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम वार्ता के लिए तैयार हैं. 

मीडिया से बातचीत में तोमर ने कहा, 'हमने कहा है कि हम वार्ता के लिए तैयार हैं. यदि उनका (किसान यूनियनों का) प्रस्ताव आता है, तो सरकार निश्चित रूप से यह करेगी. हम चाहते हैं कि चर्चा को खंड द्वारा आयोजित किया जाए. वे हमारे प्रस्ताव पर अपनी राय देंगे, हम निश्चित रूप से आगे की वार्ता करेंगे.'

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि किसानों के साथ वार्ता की अगली तारीख तय करने के लिए सरकार उनसे संपर्क में है. गौरतलब है कि किसान यूनियनों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज कर दिया है और उन्होंने सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल की.

तोमर ने कहा कि बैठक निश्चित रूप से होगी. हम किसानों के साथ संपर्क में हैं. उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी समय बातचीत के लिए तैयार है. किसान नेताओं को तय करके बताना है कि वे अगली बैठक के लिए कब तैयार हैं. प्रदर्शनकारी किसानों की 40 यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की बातचीत की अगुवाई तोमर कर रहे हैं.

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इसमें उनके साथ केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश शामिल हैं. केंद्र और किसान नेताओं के बीच अब तक हुई पांच दौर की वार्ताएं बेनतीजा रही हैं. सरकार ने किसान संघों को एक मसौदा प्रस्ताव उनके विचारार्थ भेजा है, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को जारी रखने का लिखित आश्वासन भी है, लेकिन किसान यूनियनों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और कानूनों को निरस्त करने की मांग की है.
 
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 तोमर ने कहा कि ये कानून किसानों की जिंदगी बदलने वाले हैं और इन कानूनों के पीछे सरकार की नीति और मंशा स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि हमने किसानों और किसान नेताओं को मनाने का प्रयास किया. हमारी इच्छा है कि वे प्रत्येक खंड पर बातचीत करने के लिए आएं. अगर वे हर खंड पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए तैयार हैं तो हम विचार-विमर्श के लिए तैयार हैं.

गौरतलब है कि किसान यूनियनों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज कर दिया है और उन्होंने सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल की.