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विकास दुबे ने कबूल किया, जलाना चाहता था पुलिस वालों के शव लेकिन तब तक...

कानपुर के बिकरु गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या के बाद फरार चल रहे 5 लाख के मोस्टवांटेड विकास दुबे (Vikas Dubey) को गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया है. यूपी पुलिस की 100 से ज्यादा टीमें विकास दुबे को तलाश रही थीं.

Updated on: 09 Jul 2020, 06:55 PM

लखनऊ:

कानपुर के बिकरु गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या के बाद फरार चल रहे 5 लाख के मोस्टवांटेड विकास दुबे को गुरुवार सुबह उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया है. यूपी पुलिस की 100 से ज्यादा टीमें विकास दुबे को तलाश रही थीं. विकास दुबे ने अब अपने कबूलनामे में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. इस खुलासे से पता चला है कि कानपुर हत्याकांड और भी खतरनाक हो सकता था. विकास दुबे ने बताया है कि वह पुलिसवालों की लाशों को जला कर सबूत नष्ट करना चाहता था.

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उसने बताया कि घटना के बाद घर के बग़ल में कुँए के पास पाँच पुलिसवालों की लाशों को एक के ऊपर एक रखा गया था. ताकि उन्हें आग के हवाले किया जा सके. शवों को जलाने के लिए घर में गैलनों में तेल रखा था. लेकिन लाशों को इकट्ठा करने के बाद उसे जलाने का मौका इससे पहले पुलिस पहुंच गई.

विकास दुबे ने शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र के बारे में बताया कि उसकी उनसे नहीं बनती थी. विकास ने बताया कि कई बार देवेंद्र मिश्र उसे देख लेने की धमकी दे चुके थे. जिसके कारण दोनों में बहस हुई थी. दुबे ने बताया कि विकास तिवारी ने उसे बता दिया था कि सीओ उसके खिलाफ है. जिसके कारण वह उन पर गुस्से में रहता थे. सीओ को मकान के सामने मारने की बात भी कबूली गई.

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विकास दुबे ने बताया कि उसने सीओ को नहीं मारा था. लेकिन उसके आदमियों ने दूसरी तरफ के आहाते में कूदकर मामा के आंगन में मारा था. उसने कहा कि सीओ का गला नहीं काटा था. सिर के पास गोली मारी गई थी इसलिए आधा चेहरा फट गया था.