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उपराष्ट्रपति चुनाव के नामांकन कल से, बीजेपी अकेले दम जिता लेगी अपना कैंडिडेट

छह अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू होकर 19 जुलाई तक चलेगी. मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त तक ही है.

Updated on: 04 Jul 2022, 05:22 PM

highlights

  • उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को हो रहा खत्म
  • मंगलवार से उपराष्ट्रपति पद चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया हो रही शुरू
  • बीजेपी को अपना उम्मीदवार जिताने किसी की भी मदद की दरकार नहीं 

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी नीत एनडीए सरकार ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाकर राजनीतिक रणनीति के तौर पर दूरगामी कदम उठाया है. अब उप राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मंगलवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है. राजनीतिक पंडितों की मानें तो बीजेपी इस पद के लिए कोई ऐसा नाम उठाएगी जो विपक्ष की रणनीति को ध्वस्त कर दे. यह तय माना जा रहा है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए को अपना उम्मीदवार जिताने के लिए किसी अन्य पार्टी की दरकार नहीं पड़ेगी. इसकी एक बड़ी वजह यही है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचन प्रक्रिया में सिर्फ मनोनीत सांसदों समेत लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही मतदान करते हैं. 

10 अगस्त को खत्म हो रहा वेंकैया नायडू का कार्यकाल
जानकारी के मुताबिक छह अगस्त को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू होकर 19 जुलाई तक चलेगी. मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त तक ही है. नामांकन पत्रों की जांच 20 जुलाई को होगी और नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 22 जुलाई तय की गई है. गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति भी होता है. उपराष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के कुल 788 सदस्य होते हैं. राष्ट्रपति चुनाव से उलट प्रत्येक सांसद के वोट का मूल्य एक समान होता है. 

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उपराष्ट्रपति चुनाव का गणित
गौरतलब है कि भाजपा को हाल ही में संपन्न हुए राज्यसभा चुनावों में तीन सीटों का नुकसान हुआ है. यानी उच्च सदन में बीजेपी की ताकत घटकर 92 सांसद की रह गई है. हालांकि लोकसभा में भाजपा और एनडीए के पास व्यापक बहुमत है. भाजपा ने उपचुनाव में दो सीटों पर जीत हासिल की है. इसके साथ ही लोकसभा में बीजेपी सांसदों की संख्या 303 हो गई है. उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी के पास कुल 395 सांसद यानी वोट हैं, जो कि जीत के लिए जरूरी 388 से सात अधिक हैं. इसके बावजूद विपक्ष भी राष्ट्रपति चुानव की तर्ज पर उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार उतारेगा.

कैप्टन हो सकते हैं उम्मीदवार
राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार के लिए द्रौपदी मुर्मू के रूप में बड़ा कार्ड खेलने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने उपराष्ट्रपति पद के लिए बिसात बिछा दी है. उपराष्ट्रपति पद की बिछी बिसात पर फिलवक्त सबसे आगे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का नाम चल रहा है. कैप्टन के अलावा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस दौड़ में हैं. पंजाब लोक कांग्रेस का बीजेपी में विलय की अटकलों के बीच इस संभावना ने काफी जोर पकड़ लिया है. सूत्रों ने कहा कि एनडीए द्वारा पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री को उपराष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में नामित करने की संभावना ज्यादा है.

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पंजाब की 13 संसदीय सीटों को साधने की गणित
बीजेपी के राजनीतिक समीकरणों को समझने वाले बता रहे हैं कि कैप्टन के जरिये पार्टी पंजाब के राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश कर रही है. बीजेपी की नजर 2024 के लोकसभा चुनाव पर है. इसके मद्देनजर कैप्टन को उपराष्ट्रपति बनाकर बीजेपी पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर अपनी रणनीतिक बढ़त बनाना चाहती है. कैप्टन पंजाब की राजनीति में एक लोकप्रिय चेहरा है. हालिया विधानसभा चुनाव भी कैप्टन ने बीजेपी के साथ मिल कर लड़ा था. हालांकि परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं आया, लेकिन कांग्रेस को डैमेज करने में गठबंधन कामयाब रहा. अब कैप्टन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बना कर बीजेपी सिख समुदाय में अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है.