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Silkyara Tunnel: सुरंग से बाहर आए श्रमिकों के परिजनों ने मनाई 'दिवाली', पटाखे छोड़कर मनाया जश्न

सिलक्यारा सुरंग से सकुशल बाहर लाए गए मजदूरों के परिवारों में जश्न का माहौल है. मजदूरों के परिजनों ने रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता का पटाखे छोड़कर जश्न मनाया और सरकारों का धन्यवाद किया.

Updated on: 29 Nov 2023, 11:14 AM

highlights

  • टनल से रेस्क्यू किए गए श्रमिकों के परिजनों ने मनाया जश्न
  • पटाखे छोड़कर मनाई रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता की खुशी
  • परिजनों ने केंद्र और राज्य सरकार का किया धन्यवाद

New Delhi:

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को 17 दिनों बाद रेस्क्यू कर मंगलवार शाम बाहर निकाल लिया गया. जैसे ही मजदूरों के गांव में उनके सकुशल बाहर निकलने की सूचना मिली, परिजनों ने खुशी में दिवाली मनाई. मजदूरों के परिजनों ने ही नहीं बल्कि उनके पूरे गांव ने जश्न मनाया. ऐसी ही कुछ तस्वीरें और वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई ने साझा किए हैं और मजदूरों के रिश्तेदारों से बातचीत की.

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12 नवंबर से सुरंग में फंसे थे श्रमिक

बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में चारधाम महामार्ग परियोजना के तहत राडी पास क्षेत्र के अंतर्गत गंगोत्री और यमुनोत्री को जोड़ने के लिए 4.531 किमी लंबी टू लेन सिलक्यारा टनल का निर्माण किया जा रहा है. लेकिन दिवाली के दिन यानी 12 नवबंर की सुबह करीब 5.30 बजे टनल में भूस्खलन हो गया. उसके बाद सुरंग में काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए. मजदूरों को निकालने के लिए दिन रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. रेस्क्यू ऑपरेशन में तमाम दिक्कतें आई. फिर चाहे वो वर्टिकल ड्रिलिंग हो या फिर ऑगर मशीन ने टनल के अंदर खुदाई.

रेस्क्यू ऑरेशन की सफलता का जश्न

ऑगर मशीन के टूटने के बाद सोमवार को मैन्युअल खुदाई का काम किया गया और मंगलवार देर शाम सभी 41 मजदूरों को सुरंग से सकुशल बाहर निकाल लिया गया. मजदूरों के बाहर निकलते ही न सिर्फ उनके परिवारों ने बल्कि पूरे देश ने राहत की सांस ली और खुशियां मनाई. इस दौरान उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और ओडिशा में मजदरों के गांवों में दिवाली जैसा जश्न मनाया गया. ग्रामीणों ने मजदूरों के सुरंग से सुरक्षित बाहर आने पर जमकर पटाखे छोड़े और खुशियां मनाई.

यूपी के लखीमपुर खीरी में दिखा जश्न का माहौल

सिलक्यारा टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता का यूपी के लखीमपुर खीरी में जश्न मनाया गया. दरअसल, लखीमपुर खीरी के रहने वाले मंजीत भी उन 41 मजदूरों में शामिल थे जो उत्तरकाशी की सिल्कयारा टनल में भूस्खलन के बाद फंस गए थे. मंजीत के पिता ने कहा, "मुझे बहुत खुशी है कि मेरे बेटे को सुरक्षित बचा लिया गया है. सुरंग के अंदर फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए मैं भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं."

हिमाचल में विशाल के परिवार ने मनाई खुशियां

वहीं हिमाचल प्रदेश के मंडी में भी रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता का जश्न मनाया गया. मंडी के विशाल भी सिलक्यारा टनल से 17 दिनों बाद रेस्क्यू कर बाहर निकाले गए. विशाल की मां ने अपने बेटे के सकुशल बाहर आने पर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया और खुशी जताई.

इस दौरान परिवार ने पटाखे और फुलझड़ियां जलाकर जश्न मनाया.

ओडिशा में भी दिखा जश्न का माहौल

ओडिशा के नबरंगपुर में भी सिलक्यारा टनल के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन का जश्न मनाया गया. यहां के भगवान बन्ना भी टनल से रेस्क्यू किए गए. उनके परिवार ने भी पटाखे छोड़कर खुशियां मनाईं.

ओडिशा का मयूरभंज के ही धीरेन नायक भी सिलक्यारा टनल से रेस्क्यू किए गए हैं. धीरेन नायक की मां ने सुरंग से श्रमिकों को बचाने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया.

असम के कोकराझार में भी दौड़ी खुशी की लहर

सिलक्यारा सुरंग में रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता का जश्न असम के कोकराझार में भी देखने को मिला. यहां के रहने वाले राम प्रसाद नरजारी भी उन मजदूरों में शामिल हैं जिन्हें उत्तरकाशी की टनल से रेस्क्यू किया गया है. नरजारी के परिवार ने भी पटाखे छोड़कर सफलता की खुशी मनाई. राम प्रसाद नरज़ारी के पिता ने कहा, "सुरंग के अंदर फंसे सभी लोगों को सुरक्षित बचाने के लिए मैं भारत सरकार और असम सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं." वहीं राम प्रसाद नरज़ारी की पत्नी ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं...मैं भारत सरकार को धन्यवाद देती हूं."

कूच बिहार में भी दिखा जश्न का माहौल

पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में भी उत्तरकाशी रेस्क्यू ऑपरेशन की खुशियां देखने को मिलीं. यहां के रहने वाले माणिक तालुकदार के परिजनों ने भी जश्न मनाया. इसके साथ ही परिजनों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनसे बातचीत भी की.

बिहार के छपरा के रहने वाले सोनू भी उन 41 मजदूरों में शामिल हैं जिन्हें सिलक्यारा टनल से रेस्क्यू किया गया है. सोनू की मां ने कहा, "मैं बहुत खुश हूं. मैं सरकार और सभी बचाव दल के सदस्यों को धन्यवाद देती हूं... मेरे बेटे ने कहा है कि वह दो दिन बाद वापस लौट आएगा."

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