स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के मानसरोवर यात्रा पर कसा तंज, कहा- ये भक्ति का मार्ग नहीं है, बल्कि राजनीतिक सशक्तिकरण की कोशिश है
ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी का चीन के साथ सम्बंध अपने आप में इस बात को दर्शाता है के कांग्रेस भारत के पक्ष में कम चिंता करती है।
नई दिल्ली:
अपने एक दिवसीय दौरे पर अमेठी पहुंची स्मृति ईरानी ने कांग्रेस को उसके ही गढ़ में जाकर ललकारा है। मीडिया से बातचीत करते हुए स्मृति ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मानसरोवर यात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि आस्था को कभी प्रमाणकिता की जरूरत नहीं पड़ती है, अस्था भगवान के द्वार पर ईश्वर और भक्त के बीच का संबंध होता है। न भगवान सार्टिफिकेट मांगता है न भक्त सार्टिफिकेट मांगता है। जो आज प्रमाण दे रहे हैं उन्हें पता होना चाहिए कि ये भक्ति का मार्ग नहीं है, बल्कि राजनीतिक सशक्तिकरण का एक प्रयास है।
Congress chief's silence is understandable,as on one side there is Sidhu who goes&hugs Pakistan Army General who is speaking against India&on other hand, it is Mani Shankar Aiyar whose candidature cancellation during Gujarat polls was just an eyewash: Union Minister Smriti Irani pic.twitter.com/2ACjT48A8F
— ANI UP (@ANINewsUP) September 7, 2018
अमेठी के जायस में स्थित राजीव गांधी पेट्रोलियम संस्थान में उन्होंने ये भी कहा, 'कांग्रेस के मुखिया सिद्धू साहब (नवजोत सिंह सिद्धू) के पाकिस्तान के दौरे पर चुप्पी साध रखी है। एक तरफ सिद्धू पाकिस्तान जाकर जनरल बाजवा के गले लगते हैं जो भारत के खिलाफ आज जहर उगल रहे है तो दूसरी तरफ मणिशंकर अय्यर जिनकी सदस्यता को ख़ारिज करने का ढोंग राहुल जी ने गुजरात के चुनाव में रचा था।
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ईरानी ने कहा कि राहुल गांधी का चीन के साथ सम्बंध अपने आप में इस बात को दर्शाता है के कांग्रेस भारत के पक्ष में कम चिंता करती है, विदेशी ताकतों की चिंता ज्यादा करती है।
बता दें कि केंद्रीय वस्त्र मंत्री स्मृति ईरानी ने 1 सितंबर शनिवार को अमेठी में एक 'डिजिटल गांव' का उद्घाटन किया था। अमेठी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है। जिला अधिकारियों और बीजेपी नेताओं के साथ पहुंची स्मृति ने पिंडारा ठाकुर गांव में सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सामान्य सेवा केंद्र में डिजिटल गांव का उद्घाटन किया था। ईरानी को 2014 लोकसभा चुनाव में यहां से हार का सामना करना पड़ा था।
स्मृति ईरानी यहां से मिली हार के बाद से इसे संवारने में जुटी हैं और बीजेपी उन्हें 2019 में यहां फिर से चुनावी मैदान में खड़ा कर सकती है। केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष पर क्षेत्र को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया जबकि यहां के लोग चुनाव दर चुनाव गांधी परिवार के साथ खड़े रहे हैं।
(इनपुट आईएएनएस से)
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