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अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने NSA अजीत डोभाल से की बात, 'वैक्सीन का कच्चा माल देने को हुआ तैयार'

अमेरिका के NSA जेक सुलविन ने एनएसए अजीत डोभाल से कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने कोविशिल्ड वैक्सीन के भारतीय निर्माण के लिए तत्काल आवश्यक कच्चे माल के स्रोतों की पहचान की है जो तुरंत भारत के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.

Updated on: 26 Apr 2021, 12:06 AM

highlights

  • भारतीय वैक्सीन पर अमेरिका का रुख नरम पड़ा
  • अमेरिका भारत को तुंरत उपलब्ध कराएगा कच्चा माल
  • अमेरिका के NSA ने अजीत डोभाल से की बातचीत

नई दिल्ली:

भारत में कोरोना (Coronavirus) के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं और हर बीतते दिन के साथ स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. इस लड़ाई में वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) को एक बड़ा हथियार बताया गया है. इस संकट की घड़ी में पहले अमेरिका (America) ने भारत (India) द्वारा वैक्सीन निर्माण में रोड़ा लगाया था, लेकिन भारत की कड़ी आपत्ति के बाद अब अमेरिका का रुख नरम पड़ गया है. भारतीय वैक्सीन के निर्माण में जिन कच्चे माल (Raw Material for Vaccine) का इस्तेमाल होता है अमेरिका ने उसकी पहचान करके जल्द से जल्द भारत को उपलब्ध कराने की बात कही है. 

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अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने रविवार को एनएसए अजीत डोभाल से फोन पर बात की. जेक सुलविन ने COVID19 मामलों में बढ़ोतरी के बाद भारत के लोगों के प्रति गहरी सहानुभूति व्यक्त की. सुलविन ने एनएसए अजीत डोभाल से कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने कोविशिल्ड वैक्सीन के भारतीय निर्माण के लिए तत्काल आवश्यक कच्चे माल के स्रोतों की पहचान की है जो तुरंत भारत के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.

इससे पहले बाइडन प्रशासन के शीर्ष स्वास्थ्य सलाहकार ने कहा था कि अमेरिका सक्रियता के साथ भारत को मदद देने के रास्ते तलाश रहा है, जहां कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में भारी वृद्धि देखी जा रही है. पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरफ से वैक्सीन बनाने में जिस कच्चे माल की जरूरत पड़ती थी, उसके निर्यात पर रोक लगा दी गई थी. इस वजह से वैक्सीन निर्माताओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. अब उसी फैसले पर नरम पड़ते हुए अमेरिका ने भारत को बड़ी राहत दे दी है.

अमेरिका की तरफ से बताया गया है कि वो भारत को वैक्सीन के बनाने में हर उस कच्चे माल की सप्लाई करेगा जिसकी जरूरत पड़ने वाली है. ये भी कहा गया है कि फ्रंट लाइन वर्कस को बचाने के लिए अमेरिका की तरफ से तुरंत रैपिड डाइगोनॅस्टिक टेस्ट किट, वैन्टिलेटर और पीपीई किट उपलब्ध करवाई जाएंगी. इस फैसले के बाद भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई और मजबूत होने जारी है और टीकाकरण अभियान को भी नई उर्जा मिल जाएगी.

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बता दें कि वैक्सीन बनाते समय बैग, फिल्टर, कैप जैसे कच्चे माल की जरूरत पड़ती है. अब कहने को तो ये सामान कही से भी मिल सकता है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा निर्यात अमेरिका की तरफ से ही किया जाता है. ऐसे में तमाम वैक्सीन निर्माता कच्चे माल के लिए अमेरिका पर निर्भर रहते हैं.