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राहुल गांधी ने की किसानों से बात, बोले- सरकार ने पहले पैरों पर कुल्हाड़ी मारी, अब छुरा मारा

केंद्र की सरकार द्वारा लाए गए कृषि से जुड़े 3 कानून देश में विवाद का विषय बन गए हैं. कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ देशभर में विरोध हो रहा है.

Updated on: 29 Sep 2020, 11:13 AM

नई दिल्ली:

केंद्र की सरकार द्वारा लाए गए कृषि से जुड़े 3 कानून देश में विवाद का विषय बन गए हैं. कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ देशभर में विरोध हो रहा है. देशभर के किसानों से लेकर कांग्रेस समेत तमाम राजनीतिक दल इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. कांग्रेस कृषि से जुड़े बिलों को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रही है. इन सबके बीच राहुल गांधी ने किसानों से बात की है. इस दौरान राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर भी हमला बोला है.

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राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी में कहां काले धन के खिलाफ लड़ाई है, झूठ था. लक्ष्य था जो हमारे असंगठित लोग हैं, उनको कमजोर किया जाए. उसके बाद जीएसटी आई, उसका भी वही लक्ष्य था. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कोरोना काल में जनता को पैसा देना चाहिए था, मगर दो चार बड़े-बड़े लोगों को ही पैसा दिया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि सरकार का देश की रीढ़ की हड्डी (किसान, मजदूर वर्ग) को तोड़ने और हिंदुस्तान के धन को लेने का लक्ष्य है. 

राहुल गांधी ने कहा कि कृषि कानून और नोटबंदी-जीएसटी में कोई फर्क नहीं है. सरकार ने पहले नोटबंदी और जीएसटी लागू कर आपके पैरों में कुल्हाड़ी मारी और अब इन कानूनों के जरिए किसानों के दिल में छुरा मारा है. कांग्रेस नेता ने कहा कि हिंदुस्तान के भविष्य के लिए इन बिलों का विरोध करने पड़ेगा. 

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राहुल गांधी ने किसानों से पूछा कि इस बिल से कृषकों का क्या होगा. इस पर बिहार के चंपारण के किसान ने कहा, 'यह बिल्कुल अंधा कानून है. यहां गरीब और किसान का शोषण हो रहा है. किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहा है.' राहुल ने पूछा कि एमएसपी जाने का डर क्यों है, इस पर पंजाब के एक किसान ने कहा, 'यह सब जुमलेबाजी है. सरकार की बातों में कोई सच्चाई और दम नहीं है. ये सभी किसान भाईयों के साथ धोखा कर रहे हैं.'

हरियाणा के झज्जर के रहने वाले एक किसान ने कहा, 'किसानों का साथ बहुत बुरा हो रहा है. हमारे साथ यह अत्याचार हो रहा है कि हमें कोई फायदा नहीं होगा.' उन्होंने कहा कि अगर कोई भी कंपनी या निजी संस्था एमएसपी से कम दामों पर फसलों को खरीदती है तो उसे दंडनीय अपराध माना जाए. महाराष्ट्र के एक किसान ने कहा कि इन विधेयकों से न जनता का भला होने वाला है और न ही किसानों का भला होने वाला है. इन कानूनों से सिर्फ कंपनियों और बड़े-बड़े उद्योगपतियों का ही भला होने वाला है.

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राहुल गांधी ने किसानों से पूछा कि इन कानूनों में सबसे खराब क्या लगता है. इस पर एक किसान ने कहा, 'ये तीनों अध्यादेश किसान को खत्म करने के लिए बनाए गए हैं. एमएसपी के लिए कानून बनाया जाना चाहिए. आज किसान अपना काम आढ़ती से साथ चलाता है, मगर अब बड़े-बड़े उद्योगपति अपने-अपने दलालों को किसानों के पास भेजेंगे.' अन्य किसान ने कहा कि जैसे ईस्ट इंडिया कंपनी पहले कृषि का व्यापार देश में करती थी, ऐसा ही व्यापार अब होने वाला है. इस पर राहुल गांधी ने कहा, 'आपका कहना है कि पहले ईस्ट इंडिया कंपनी थी, अब वेस्ट इंडिया कंपनी आई है.'