logo-image

UP सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, पंजाब बेशर्मी से कर रहा मुख्तार का बचाव

उप्र सरकार ने बुधवार को SC में कहा कि पंजाब सरकार गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी का 'बेशर्मी' से बचाव कर रही है. पंजाब ने अब तक अंसारी को उप्र को नहीं सौंपा है, जहां MP/MLA की विशेष अदालत में उसके खिलाफ कई जघन्य अपराधों के मामले चल रहे हैं.

Updated on: 24 Feb 2021, 04:31 PM

highlights

  • मुख्तार पर यूपी और पंजाब में ठनी
  • सुप्रीम कोर्ट में यूपी का पंजाब पर हमला
  • मुख्तार पर यूपी में 38 संगीन मामले

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पंजाब सरकार गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी का 'बेशर्मी' से बचाव कर रही है. पंजाब ने अब तक अंसारी को उप्र को नहीं सौंपा है, जहां सांसद/विधायक की विशेष अदालत में उसके खिलाफ कई जघन्य अपराधों के मामले चल रहे हैं. अंसारी, कथित तौर पर जबरन वसूली के मामले में रूपनगर की जेल में बंद है. उप्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने पंजाब सरकार की जमकर खिंचाई की. वहीं, पंजाब सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने व्यक्तिगत आधार का हवाला देते हुए स्थगन की मांग की. इस पर मेहता ने कहा कि उन्हें स्थगन की याचिका पर आपत्ति नहीं है.

अंसारी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि उनका मुवक्किल एक छोटा व्यक्ति है. इस पर मेहता ने पलटवार कर कहा कि वह इतना छोटा व्यक्ति है कि पंजाब सरकार उसकी रक्षा कर रही है. अब शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 2 मार्च की तारीख दी है. एक हलफनामे में उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि अंसारी अपने खिलाफ दर्ज 2 एफआईआर के आधार पर 2 साल से पंजाब में शरण लिए हुए है. पंजाब सरकार एक अपराधी और हिस्ट्रीशीटर का बचाव कर रही है, जबकि उसके खिलाफ 30 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं और हत्या, गैंगस्टर एक्ट जैसे जघन्य अपराधों के 14 से ज्यादा मामले चल रहे हैं. इन मामलों में कोर्ट उसे व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित करने के लिए कहता है.

यह भी पढ़ेंःउत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी के 38 केस पर भारी पंजाब का एक केस

यूपी में मुख्तार पर दर्ज हैं गंभीर मुकदमें
तुषार मेहता ने कहा कि - यूपी में दर्ज केस अलग है. वो कहीं ज़्यादा गम्भीर है. एक साथ सुनवाई नहीं हो सकती. ये एक गम्भीर मामला है कि एक अपराधी अपने खिलाफ दूसरे राज्य में एक FIR दर्ज करवा लेता है. उसके बाद वो जानबूझकर कर ज़मानत अर्जी दाखिल नहीं करता. और जेल में पूरे आराम के साथ रह रहा है. मुकुल रोहतगी ने  कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज कल सुनवाई हो रही है और मुख्तार अंसारी के केस की सुनवाई भी हो सकती है तो इस पर तुषार मेहता ने जवाब दिया की सुनवाई का फोरम  क्या होगा, ये आप नहीं तय कर सकते. आप फाइव स्टार सुविधा हासिल कर मुकदमों के लिए पेश  नहीं हो सकते.

यह भी पढ़ेंःअजय राय को मुख्तार गैंग से खतरा, योगी सरकार पर लगाया अनदेखी का आरोप

इस केस की वजह से पंजाब में बंद है मुख्तार अंसारी  
पंजाब और दिल्ली-एनसीआर में रियल एस्टेट का काम करने वाले होमलैंड ग्रुप के सीईओ ने मोहाली पुलिस को शिकायत की कि 9 जनवरी 2019 को उनसे 10 करोड़ की रंगदारी मांगी गई. रंगदारी मांगने वाले ने अपना नाम यूपी का कोई अंसारी बताया था. पुलिस ने FIR दर्ज की और आरोपी बनाया बांदा के पते पर रहने वाले अंसारी को. मुख्तार अंसारी उस समय बांदा की जेल में ही बंद थे. पंजाब पुलिस केस दर्ज होने के 15 दिनों के भीतर प्रोडक्शन वारंट लेकर बांदा पहुंची और मुख्तार को लेकर आई. तब से मुख्तार रोपड़ जेल में ही बंद है. जब यूपी पुलिस मुख्तार की कस्टडी मांगती है तो पंजाब सरकार ये कहते हुए मना कर देती है कि स्वास्थ्य कारणों से मुख्तार को यात्रा करने से मना किया गया है.