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यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा ट्रिपल तलाक पर चुप रहने वाले अपराधी, पूछा देश में क्यों नहीं होना चाहिए यूनिफॉर्म सिविल कोड?

ओडिशा के भुवनेश्वर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्रिपल तलाक पर दिए गए बयान के बाद अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मसले पर बड़ा बयान दिया है।

Updated on: 17 Apr 2017, 12:47 PM

highlights

  • प्रधानमंत्री मोदी के बाद तीन तलाक पर यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान
  • योगी ने कहा ट्रिपल तलाक पर मौन रहने वाले अपराधियों के समान, कहा देश में लागू हो यूनिफॉर्म सिविल कोड

New Delhi:

ओडिशा के भुवनेश्वर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्रिपल तलाक पर दिए गए बयान के बाद अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मसले पर बड़ा बयान दिया है।

महाभारत में द्रौपदी के चीरहरण का हवाला देते हुए योगी ने कहा कि तीन तलाक पर चुप्पी साधने वाले अपराधी समान हैं। यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा, 'देश की समस्या पर कुछ लोगों का मुंह बंद है। ट्रिपल तलाक पर चुप्पी साधने वाले अपराधी समान हैं।'

यूपी विधानसभा के सेंट्रल हॉल में आज पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के संसद में दिए गए तमाम भाषणों पर लिखी गयी पुस्तक 'राष्ट्रपुरुष चंद्रशेखर: संसद में दो टूक' का विमोचन के मौके पर बोलते हुए योगी ने समान नागरिक संहिता की वकालत करते हुए कहा कि जब देश एक है तो फिर शादी और ब्याह के कानून एक होने में क्या दिक्तत है।

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रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा के भुवनेश्वर में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समापन बैठक में ट्रिपल तलाक को मुस्लिम महिलाओं के प्रति अन्याय करार देते हुए कहा था, 'हमारी मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिलना चाहिए। हमें इस मुद्दे का समाधान जिले स्तर पर करने की कोशिश करनी चाहिए। हमें न्यू इंडिया के फॉर्मूले पर भी काम करने की जरूरत है। हम धीरे-धीरे आगे नहीं बढ़ सकते बल्कि तेजी आगे बढ़ना होगा।'

इससे पहले पिछड़ा आयोग पर चर्चा के दौरान मोदी ने पिछड़े मुसलमानों पर पार्टी को एक कॉन्फ्रेंस आयोजित करने की भी सलाह दी। मोदी ने कहा कि मुस्लिम समाज में कई ऐसे हैं जो बेहद पिछड़े हैं और उन्हें पिछड़े वर्ग की बेहतरी के लिए होने वाले बहस में जोड़ना चाहिए।

रविवार को ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने कहा कि अगर कोई शरिया में दिए कारणों से इतर किसी और बात पर तीन तलाक देता है तो उसे समाज के बहिष्कार का सामना करना होगा।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने साथ ही कहा कि कुछ लोग तलाक का गलत इस्तेमाल करते हैं और ऐसे लोगो के सुधार की जरूरत है। बोर्ड ने कहा कि समाज में इस मुद्दे को लेकर नासमझी है और इसे दूर करने के लिए अलग से नियम-कायदे जारी होंगे।

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